पठानकोट. रंजीत सागर बांध से 35 लाख 753 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण रावी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इस पानी के रिसाव से अस्थायी बांधों को मामूली नुकसान हुआ हैं और कई जगहों पर बांधों को मजबूत करने के लिए लगाई गई बोरियां बह गई।

जानकारी के अनुसार सुबह 11:30 बजे बांध का गेट नंबर 4 एक मीटर खोला गया। इसके बाद दोपहर 1 बजे गेट नंबर 3 और 5 को भी एक-एक मीटर खोल दिया गया। दोपहर 3 बजे बांध का जलस्तर 523 मीटर दर्ज किया गया।हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित चमेरा जलविद्युत परियोजना से इस समय 918 क्यूसेक पानी झील में आ रहा है। चमेरा परियोजना में बिजली उत्पादन का कार्य फिलहाल बंद कर दिया गया है।

600 मेगावाट बिजली उत्पादन

600 मेगावाट की क्षमता वाले रंजीत सागर बांध से चारों इकाइयों के जरिए पूर्ण क्षमता के साथ 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। बांध के अधिकारियों के अनुसार गुरुवार को तीन फ्लड गेट खोले गए। इन गेटों और चारों इकाइयों से बिजली उत्पादन के बाद छोड़े गए पानी को मिलाकर कुल 35,753 क्यूसेक पानी झील से छोड़ा जा रहा है।

5 से 7 अक्टूबर तक बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने पंजाब में 5 से 7 अक्टूबर तक बारिश का अलर्ट जारी किया है। अगर भारी बारिश होती है, तो बांधों में जलस्तर फिर से बढ़ सकता है, जिसके चलते नदियों का जलस्तर भी बढ़ सकता है। पठानकोट के डीसी आदित्य उप्पल ने लोगों से अपील की है कि वे नदी के किनारों पर न जाएं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले ही बाढ़ से भारी नुकसान हो चुका है और अब नदी के जलस्तर में वृद्धि से और नुकसान का खतरा मंडरा रहा है।