कुंदन कुमार/पटना। जनता को ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक परिवहन की दिक्कतों से बड़ी राहत मिली है। बिहार की राजधानी को मेट्रो सेवा का तोहफा मिल चुका है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो सेवा का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने बेली रोड पर मेट्रो के भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया। पटना मेट्रो का प्राथमिक कॉरिडोर अब न्यू ISBT से भूतनाथ रोड स्टेशन तक यात्रियों को सेवा देगा। यह रूट कुल 3.6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक है जिस पर तीन स्टेशन बनाए गए हैं ISBT, जीरो माइल और भूतनाथ रोड। यात्रियों को किराए को लेकर भी राहत दी गई है। ISBT से जीरो माइल तक किराया 15 और ISBT से भूतनाथ रोड तक किराया 30 रुपए निर्धारित किया गया है।
सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगी
मेट्रो सेवा का संचालन रोज सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक किया जाएगा। ट्रेन की गति अधिकतम 40 किमी प्रति घंटा रखी गई है, ताकि सुरक्षा और सुविधा दोनों बनी रहे। प्रत्येक स्टेशन पर टिकट दरों को लोगों की सुविधा के अनुसार तय किया गया है।
सेफ्टी कमिश्नर से मिल चुकी है हरी झंडी
पटना मेट्रो के शुभारंभ से पहले मेट्रो रेल सेफ्टी कमिश्नर (CMRS) ने परियोजना को सुरक्षा मंजूरी दी थी। सिग्नलिंग सिस्टम, ट्रैक की मजबूती, ब्रेकिंग तकनीक और ट्रेन की गति सहित कई पहलुओं पर विस्तृत जांच की गई थी। सभी मानकों पर परियोजना के खरा उतरने के बाद ही मेट्रो के संचालन की हरी झंडी दी गई।
पहला ट्रायल रन 3 सितंबर को
मेट्रो का पहला ट्रायल 3 सितंबर को डिपो के भीतर 800 मीटर लंबे ट्रैक पर हुआ था। इसके बाद 7 सितंबर को तीन कोच वाली मेट्रो ने पहली बार ISBT से भूतनाथ स्टेशन तक का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान तकनीकी जांच और सिस्टम टेस्टिंग की गई, जिनमें मेट्रो ने सफलता पाई।
मधुबनी पेंटिंग से सजी हैं मेट्रो की बोगियां
बिहार की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हुए मेट्रो की बोगियों को खास मधुबनी पेंटिंग से सजाया गया है। नारंगी रंग की इन बोगियों पर गोलघर, महावीर मंदिर, महाबोधि वृक्ष, बुद्ध स्तूप, नालंदा खंडहर जैसे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों की झलक दिखाई देती है। छत, खिड़कियों और दरवाजों पर भी यह पारंपरिक कलाकारी देखने को मिलेगी।
भूमिगत मेट्रो का भी किया शिलान्यास
शुभारंभ समारोह के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेली रोड पर भूमिगत मेट्रो सेक्शन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। यह हिस्सा पटना मेट्रो की सबसे चुनौतीपूर्ण और अहम परियोजना है जो शहर के घनी आबादी वाले इलाकों में यातायात के बोझ को कम करेगा। इसके पूरा होते ही शहर के मध्य भागों में जाम से राहत मिलने की उम्मीद है।
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