सत्या राजपूत रायपुर। छत्तीसगढ़ के लगभग 1500 विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। लोक शिक्षण संचालनालय से इस संबंध में सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों (DEO) को पत्र जारी किया है। स्कूलों को शैक्षणिक गुणवत्ता की दृष्टि से मॉडल बनाया जाएगा। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को 7 बिंदुओं में निर्देश दिए गए हैं।

लोक शिक्षण संचालनालय से जारी पत्र में कहा गया है कि प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रतिवर्ष लगभग 1500 शालाओं को शैक्षणिक एवं भौतिक रूप से मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किये जाएंगे। विद्यालयों को प्रमुखतः शैक्षणिक गुणवत्ता की दृष्टि से मॉडल विद्यालय बनाया जाना है। इस दृष्टि से आवश्यक न्यूनतम अधोसंरचना भी विकसित की जानी है। मॉडल विद्यालय की योजना बनाते समय निम्न बिंदुओं का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा, जो इस प्रकार है।

मॉडल स्कूल के लिए इन 7 बिंदुओं का अधिकारीयों को रखना होगा ध्यान

  1. विद्यालय का कक्षावार बेहतर परीक्षा परिणाम।
  2. विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति।
  3. शिक्षकों द्वारा बेहतर अध्यापन एवं विद्यार्थियों से मधुर संबंध ।
  4. विद्यार्थियों से अनुशासन एवं व्यक्तिगत स्वच्छता।
  5. पालकों का विद्यालय से जुड़ाव।
  6. आवश्यक न्यूनतम अधोसंरचना।
  7. अन्य बिन्दु जो जिले की कार्ययोजना में हो।

पत्र में यह भी उल्लेख है कि सत्र 2025-26 की कार्ययोजना में पी.एम. श्री विद्यालय, इग्नाइट विद्यालय, सेजेस विद्यालय और मुख्यमंत्री डीएवी विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाए। आगामी तीन सत्रों 2025-26, 2026-27 और 2027-28 के लिए विद्यालयवार कार्ययोजना तैयार कर 10 दिनों के भीतर संभागीय संयुक्त संचालक के माध्यम से प्रस्तुत करने को कहा गया है।