सुप्रिया पांडेय, रायपुर. कभी सपनों को साकार होते देखना हो तो रायपुर के टेमरी गांव पहुंचिए, जहां रोटरी क्लब ऑफ रायपुर कॉस्मो डिवास और रोटरी कॉस्मो डिवास फाउंडेशन ने अपने पहले रोटरी इंटरनेशनल ग्लोबल ग्रांट प्रोजेक्ट “स्माइलिंग स्टेप्स हैप्पी स्कूल” के तहत सरकारी स्कूल को पूरी तरह स्मार्ट स्कूल में तब्दील कर दिया है। यहां अब सरकारी स्कूल बच्चों के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया है। बदलाव के बाद से बच्चे अब नियमित रूप से स्कूल आने लगे हैं। उन्हें यहां पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल में लगे नए झूले और खेल के उपकरण भी बेहद पसंद आ रहे हैं। उनके चेहरों पर खिली मुस्कान इस बदलाव की सच्ची गवाही देती है।

कार्यक्रम का भव्य उद्घाटन महापौर मीनल चौबे और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटेरियन अमित जायसवाल ने किया। इस मौके पर रोटेरियन रंजीत सिंह सैनी, रोटेरियन मनजीत सिंह अरोड़ा और रोटेरियन प्रदीप लाथ सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को शिक्षा के क्षेत्र में समाजसेवा का नया आयाम बताया और रोटरी क्लब ऑफ रायपुर कॉस्मो डिवास टीम की समर्पण भावना की सराहना की।

बच्चों को नई दिशा दे रहा स्मार्ट क्लास रूम

‘हैप्पी स्कूल प्रोजेक्ट’ ने टेमरी के सरकारी प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर ही नहीं, बल्कि वहां के बच्चों का भविष्य भी बदल दिया है। अब यहां नई बेंचें, आधुनिक वॉटर कूलर और नया क्लासरूम तैयार किया गया है, जिसकी छत को वॉटर-लीक प्रूफ सिस्टम से मजबूत किया गया है। स्कूल में बेहतर लाइब्रेरी, कंप्यूटर क्लास और स्मार्ट क्लास रूम की सुविधा बच्चों को नई दिशा दे रही है। गर्ल्स और बॉयज के लिए अलग-अलग स्वच्छ वॉशरूम बनाए गए हैं, जिससे छात्रों में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ी है।

बच्चों को बांटे गए स्कूल ड्रेस, जूते और बैग

दीवारों पर बनी रंगीन और ज्ञानवर्धक पेंटिंग्स अब बच्चों के सपनों को रंग देती है। पूरे परिसर में नई ऊर्जा का संचार है। जहां पहले सन्नाटा रहता था, अब वहां बच्चों की हंसी गूंजने लगी है। यह बदलाव इतना प्रभावशाली रहा कि जो बच्चे पहले स्कूल आने में हिचकिचाते थे, वे अब हर सुबह उत्साह से स्कूल पहुंचते हैं। इस अवसर पर क्लब की ओर से बच्चों को नए स्कूल ड्रेस, जूते और बैग भी वितरित किए गए। वह पल सचमुच भावुक था, जब बच्चों ने अपनी नई पहचान को गर्व से अपनाया और शिक्षकों की आंखें खुशी से चमक उठी।

शिक्षा ही भविष्य का रास्ता बनाती है : रिची अग्रवाल

क्लब की प्रेसिडेंट अंकिता फ़रमानिया और क्लब की प्रोजेक्ट चेयरपर्सन रोटेरियन रिची अग्रवाल ने कहा, हमने सिर्फ एक स्कूल नहीं बदला, बल्कि बच्चों की सुबहें उजली कर दी। शिक्षा ही वह रोशनी है, जो भविष्य का रास्ता बनाती है। रायपुर की इन ‘डिवास’ ने यह साबित कर दिया कि बदलाव शब्दों से नहीं, कर्मों से आता है। टेमरी का यह ‘Happy School’ अब सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि उम्मीद, शिक्षा और मुस्कान का प्रतीक बन गया है, जहां हर दीवार पर एक नई कहानी लिखी जा रही है।