दिल्ली पुलिस की आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए 3 कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी गोगी गैंग से जुड़े हुए हैं. पुलिस ने इनके पास से दो पिस्टल और जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. दरअसल 2 अक्टूबर की रात दशहरे के मौके पर पुलिस इलाके में गश्त कर रही थी. इसी दौरान पुलिस टीम ने एक सफेद i20 कार को बिना नंबर प्लेट के आते देखा. जब पुलिस ने कार को रुकने का इशारा किया तो उसमें बैठे लोग गाड़ी मोड़कर भागने लगे.

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि 2 अक्टूबर की रात दशहरे के त्योहार पर पुलिस इलाके में गश्त कर रही थी. इसी दौरान पुलिस टीम ने एक सफेद i20 कार को बिना नंबर प्लेट के आते देखा. पुलिस ने कार को रुकने का इशारा किया तो उसमें बैठे लोग गाड़ी मोड़कर भागने लगे थे. इसके बाद पुलिस ने पीछा कर गाड़ी को रोका और तीनों आरोपियों को धरा. कार की तलाशी में पुलिस को हथियार और कारतूस मिले. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उन पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है.

क्रांति गैंग से गोगी गैंग आया आरोपी

पुलिस ने जब इस मामले के मुख्य आरोपी रितिक उर्फ बम से पूछताछ की तो उसने बताया कि वो पहले राजेश भारती के क्रांति गैंग का हिस्सा था. राजेश भारती के एनकाउंटर के बाद वो गोगी गैंग के साथ जुड़ गया था.

पाकिस्तान से जुड़ा साइबर नेटवर्क

मगर पुलिस के सामने सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब उन्होंने रितिक के मोबाइल की जांच की. उसके फोन में पाकिस्तान के +92 नंबरों से बातचीत, व्हाट्सऐप चैट और क्रिप्टो ट्रांजैक्शन (USDT-Tether) के सबूत मिले. पुलिस के पूछने पर रितिक ने बताया कि वो पिछले 3-4 महीनों से क्रिप्टो करेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हुआ था. उसने बताया कि वह भारतीय क्रिप्टो ट्रेडर्स के UPI IDs लेकर पाकिस्तानी स्कैमर्स को दिया करता था. ये स्कैमर्स फेक Loan Apps के जरिए भारतीय लोगों से पैसे वसूला करते थे और वही पैसा आगे रितिक के दिए UPI IDs में ट्रांसफर किए जाते थे.

आगे की जांच में क्या मिला?

पुलिस ने रितिक से आगे की कार्रवाई करते हुए पूछा तो उसने बताया कि रितिक उन पैसे के बदले Binance App के जरिए USDT क्रिप्टोकरेंसी भेजता था. वो हर ट्रांजैक्शन पर 5% कमीशन लेता था और डॉलर की वैल्यू से ज्यादा रेट पर क्रिप्टो बेचता था.

पुलिस कर रही आगे की कार्रवाई

पुलिस ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया है, जहां से उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड मिली है. पुलिस की टीम अब ये पता करने में लगी है कि इनके गैंग में कौन कौन और कितने लोग शामिल थे. इसके अलावा, पाकिस्तान में जो पैसे पहुंचाये जा रहे थे उनका इस्तेमाल कहा पर किया जा रहा था. दिल्ली पुलिस ने इन बदमाशों की जानकारी केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी दी है ताकि वो इनसे गहनता से पूछताछ कर सके और पाकिस्तान की इस पूरी साजिश को बेनकाब कर सके.

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