Y Puran Kumar IPS in Hindi: चंडीगढ़ में आईजी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या की खबर ने देशभर में प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों को झकझोर कर रख दिया है। यह सिर्फ एक अफसर की आत्महत्या की खबर नहीं, यह जातिगत भेदभाव, संस्थागत उत्पीड़न और प्रशासनिक असंवेदनशीलता की उस गहराई को उजागर करता है जिसे आज भी कई अधिकारी भुगत रहे हैं। हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर इतने बड़े अफसर पर क्या मुसीबत आ गई कि अपनी जान ही देनी पड़ गई। वैसे जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ रही है, मामले में नया ट्विस्ट आ रहा है। चंडीगढ़ पुलिस को उनके आवास से 9 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें एक बड़े पुलिस अफसर का नाम लिखा हुआ है। वहीं अब उनकी आईएएस पत्नी ने उच्च अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया है।
बता दें, पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्हें नौ दिन पहले ही पीटीसी सुनारिया का आईजी बनाया गया था। हालांकि आईजी के सुसाइड मामले को लेकर कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।

सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप
अधिकारीए ने अपने 9 पन्ने के सुसाइड नोट में जिन समस्याओं और अपमानों का जिक्र किया, वे प्रशासनिक व्यवस्था की गहरी खामियों की ओर इशारा करते हैं। बार-बार अपमानजनक पोस्टिंग, झूठे मामले गढ़ना और उनके खिलाफ झूठी शिकायतें करना। व्यक्तिगत आस्थाओं पर टिप्पणियां, जैसे मंदिर जाना। पिता की मृत्यु पर छुट्टी न देना, जिसे उन्होंने ‘अपूरणीय क्षति’ बताया। लंबित वेतन और सुविधाएं रोकना। जातिवादी टिप्पणियां और सामाजिक बहिष्कार समेत अंत में एक IPS अधिकारी द्वारा आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग, जिसे उन्होंने ‘अंतिम ट्रिगर’ बताया है।

IAS पत्नी ने दर्ज कराई शिकायत, लगाए ये आरोप
हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस में उनकी पत्नी IAS अमनीत पी। कुमार ने हरियाणा DGP और रोहतक SP के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है। 4 पन्नों की शिकायत में उन्होंने डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत सिंह कपूर और एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया पर उनके पति के उत्पीड़न, जाति-आधारित भेदभाव और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। शिकायत में उनके पति की मौत से ठीक पहले डीजीपी शत्रुजीत कपूर के कहने पर उनके खिलाफ रोहतक में झूठा मामला (FIR-नंबर 0319/2025) दर्ज किया गया था, जो एक सोची-समझी साजिश थी। इसी कारण उनके पति ने अत्यधिक निराशा में आत्महत्या कर ली।

पत्नी ने जापान से किए 15 कॉल
ADGP Suicide Case : वसीयत और सुसाइड नोट उनकी पत्नी IAS अमनीत पी. कुमार को भेजा गया, उस समय वह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान में एक सरकारी दौरे पर थीं, उन्होंने घबराकर अपने पति को 15 बार फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। जिसके बाद उन्होंने तत्काल अपनी बेटी अमूल्या को घर भेजा, जिसने बेसमेंट में खून से लथपथ अपने पिता को देखा। यह दृश्य सिर्फ पारिवारिक त्रासदी नहीं, यह व्यवस्था की संवेदनहीनता का दस्तावेजी सबूत बन कर सामने आया है।

सिस्टम से जवाब मांग रही पत्नी
ADGP Suicide Case : पूरन कुमार की पत्नी IAS अमनीत पी। कुमार ने लौटते ही चंडीगढ़ के सेक्टर 11 थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि एक SC अधिकारी को योजनाबद्ध तरीके से मानसिक और जातिगत रूप से प्रताड़ित कर मौत की ओर धकेलने का मामला है। उन्होंने FIR में SC/ST एक्ट, IPC धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य धाराएं लगाने की मांग की है।IAS अमनीत पी। कुमार का यह भी कहना है कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता और जवाबदेही तय नहीं होती, तब तक वह पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं देंगी।

प्रशासनिक हलकों में हड़कंप
ADGP Suicide Case : इस घटना ने हरियाणा ही नहीं, देशभर के सिविल सेवकों, दलित संगठनों और न्याय प्रणाली में समानता के दावों को चुनौती दी है। यह सवाल अब उठने लगे हैं कि क्या उच्च प्रशासनिक पदों पर भी जातिगत भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार जैसी मानसिकताएं जीवित हैं ? क्या सिस्टम में शिकायतों की निष्पक्ष सुनवाई का कोई प्रभावी ढांचा नहीं है ? जब एक IPS अधिकारी को न्याय नहीं मिल पा रहा, तो आम नागरिक की स्थिति कितनी बदतर हो सकती है ?

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