राजधानी की सबसे पवित्र और ऐतिहासिक नदी यमुना को पुनः निर्मल बनाने के लिए दिल्ली सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यमुना की सफाई हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मिशन में केंद्र सरकार भी पूरा सहयोग दे रही है। सीएम ने कहा, “यमुना न सिर्फ दिल्लीवासियों के लिए जल स्रोत है, बल्कि हमारी संस्कृति और धरोहर का भी अभिन्न हिस्सा है। इसे स्वच्छ बनाना हमारी जिम्मेदारी है।”

सरकार की योजना में न केवल नदी के किनारों की सफाई, बल्कि औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन, जल गुणवत्ता सुधार और सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से यह मिशन जल्द ही व्यापक पैमाने पर शुरू होगा। PWD और जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के पहले चरण में नदी के प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान और उनका निवारण किया जाएगा। इसके साथ ही यमुना के किनारे हरित पट्टी और पार्क विकसित करने की भी योजना है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यमुना को पुनः निर्मल बनाने का मिशन उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली में लगभग 1816 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

दिल्ली को मिलेगा आधुनिक सीवरेज नेटवर्क

इन परियोजनाओं के शुरू होने से दिल्ली को एक आधुनिक सीवरेज नेटवर्क मिलेगा। राजधानी में बहने वाले 22 बड़े नालों पर बनाए जा रहे STP से अब गंदा पानी सीधे यमुना में नहीं जाएगा। इन संयंत्रों में पानी को साफ और सुरक्षित किया जाएगा ताकि नदी का जल प्रदूषणमुक्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह अभियान यमुना को हमेशा के लिए साफ और निर्मल बनाने की दिशा में ऐतिहासिक शुरुआत है, जिसका इंतजार दिल्ली के करोड़ों लोग वर्षों से कर रहे थे।”

ओखला में तैयार एशिया का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

मुख्यमंत्री ने बताया कि ओखला में एशिया का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अब तैयार है। इसका उद्घाटन भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। यह प्लांट लगभग 124 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) क्षमता वाला है और पुराने चार प्लांटों की जगह लेगा। यह आधुनिक STP दिल्ली की लगभग 40 लाख आबादी का गंदा पानी साफ करेगा। प्लांट इतना उन्नत है कि सीवेज से बिजली और पुनः उपयोग योग्य स्लज भी तैयार की जाएगी। इसके चलते दक्षिण, मध्य और पुरानी दिल्ली के बड़े इलाके का सीवेज सीधे यमुना में नहीं जाएगा।

यमुना हमारी संस्कृति और आस्था की जीवनधारा

मुख्यमंत्री ने कहा, “यमुना सिर्फ एक नदी नहीं, यह हमारी संस्कृति और आस्था की जीवनधारा है। इसे प्रदूषणमुक्त बनाना सरकार की जिम्मेदारी और संकल्प दोनों है। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यमुना पूरी तरह स्वच्छ, प्रदूषणमुक्त और पुनर्जीवित हो।”

निर्मल नदियां, समृद्ध भारत अभियान के तहत ठोस कदम

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘निर्मल नदियां, समृद्ध भारत’ अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ पर्यावरण का नहीं बल्कि समाज और संस्कृति के पुनरुद्धार का भी संकल्प है। हर नागरिक से अपील है कि वह इस प्रयास में योगदान दे ताकि यमुना फिर से अपनी ऐतिहासिक पहचान और पवित्रता हासिल कर सके।”

सरकार की योजना में न केवल नदी के किनारों की सफाई, बल्कि औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन, जल गुणवत्ता सुधार और सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से यह मिशन जल्द ही व्यापक पैमाने पर शुरू होगा।

सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य

फिलहाल दिल्ली में रोजाना लगभग 3,600 एमएलडी सीवेज बनता है, जबकि मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की क्षमता केवल 3,474 एमएलडी है। इसका मतलब है कि अभी भी करीब 600 एमएलडी गंदा पानी बिना शुद्ध हुए यमुना में पहुँचता है।

सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दो वर्षों में यह कमी पूरी तरह खत्म की जाए। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इन नई परियोजनाओं से यमुना में प्रदूषण का स्तर काफी घटेगा और जल्द ही राजधानी के लोग स्वच्छ यमुना और हरित दिल्ली का सपना साकार होते देखेंगे।

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