Karwa Chauth Vrat: करवा चौथ का व्रत हर सुहागन के लिए प्रेम, निष्ठा और आस्था का प्रतीक है, लेकिन क्या आप जानते हैं, यह दिन केवल वैवाहिक सुख का नहीं, बल्कि ग्रहों के दोष शांति का शुभ अवसर भी माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन रखा गया व्रत चंद्र, मंगल और शुक्र जैसे ग्रहों के दोषों को शांत करने की विशेष क्षमता रखता है. धर्म और ज्योतिष दोनों ही मानते हैं कि करवा चौथ का उपवास केवल परंपरा नहीं, बल्कि ग्रहों की अनुकूलता और मानसिक संतुलन का दिव्य उपाय है.

Also Read This: करवा चौथ व्रत गलती से टूट जाए तो क्या करें? जानिए क्या कहते हैं धर्मशास्त्र और आस्था का नियम

Karwa Chauth Vrat
Karwa Chauth Vrat

चंद्रमा मन, भावना और वैवाहिक संतुलन का प्रतीक है. जब चंद्रमा कमजोर होता है, तो जीवन में अस्थिरता और मानसिक अशांति आती है. करवा चौथ की रात जब महिलाएं निर्जला व्रत रखकर चंद्र को अर्घ्य देती हैं, तो यह मन के विकारों को शांत कर भावनात्मक स्थिरता लाता है. यही कारण है कि चंद्र पूजन का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व अत्यधिक माना गया है.

Also Read This: कमजोर आत्मविश्वास या बिगड़े हालात? अपनाएं सूर्यदेव के ये उपाय, जल्द दिखेगा कमाल!

मंगल ग्रह वैवाहिक जीवन का “साहस और ऊर्जा” कारक है. जिनकी कुंडली में मंगल दोष या कुजदोष होता है, वे करवा चौथ का उपवास रखकर इसे संतुलित कर सकते हैं. इस दिन उपवास से उत्पन्न आत्मिक ऊष्मा मंगल की उग्रता को शीतल करती है.

Karwa Chauth Vrat. वहीं शुक्र ग्रह प्रेम, आकर्षण और सौंदर्य का प्रतीक है. इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं जब शिव-पार्वती की पूजा कर सौंदर्य और वैवाहिक सुख की प्रार्थना करती हैं, तो यह शुक्र के शुभ फल को बढ़ाता है.

Also Read This: Karwa Chauth 2025 : पति की लंबी आयु के लिए आज सुहागिन महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और छत्तीसगढ़ में चंद्र उदय का समय …