शिखिल ब्यौहार, भोपाल।  Exclusive: बिहार के विधानसभा चुनावी महासंग्राम से आखिर किस पार्टी या घटक दलों की क्या दशा और दिशा होगी यह तो भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के बीजेपी नेताओं के लिए यह चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है। दरअसल, इस परीक्षा परिणामों के आधार पर ही संबंधित मंत्री, विधायक, सांसद, संगठन और मोर्चा पदाधिकारियों की जिम्मेदारियां मध्यप्रदेश में तय की जाएंगी। संगठन की इलेक्शन रिपोर्ट में एमपी बीजेपी लीडरशिप परफॉर्मेंस भी महत्वपूर्ण दायित्वों का आधार बन सकता है।

पार्टी में मूल्यांकन प्रमुख आधार 

बिहार चुनाव की रणभूमि में बीजेपी मध्यप्रदेश के कुछ दिग्गज अपनी आमद दर्ज करा चुके हैं। इसमें मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, सांसद वीडी शर्मा,समेत अन्य के नाम हैं। संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि पार्टी में मूल्यांकन प्रमुख आधार होता है। बात यदि चुनावों में की हो तो यह बूथ स्तर पर प्रबंधन से लेकर बैठक और सभाओं तक का समीकरण तैयार किया जाता है। रिपोर्ट भी सांख्यिकी आधार पर तैयार होती है। प्रदेश में संगठन के तमाम जिम्मेदारियों से लेकर सत्ता के महत्वपूर्ण पदों पर उन्हें प्राथमिकता मिलेगी जो बिहार में एनडीए के लिए कमल को पिछली बार से ज्यादा मजबूत करेंगे।

इन्हें मिली जिम्मेदारी-

  • सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को बेगूसराय क्षेत्र की जिम्मेदारी।
  • क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल को सारण और चंपारण क्षेत्र के एक नहीं बल्कि 45 विधानसभा सीटों का जिम्मा मिला है।
  • मंत्री विश्वास सारंग को सिवान में मिला दायित्व।
  • पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया को गोपालगंज की जिम्मेदारी।
  • उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया को गया क्षेत्र की जिम्मेदारी।
  • खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल को खगड़िया की जिम्मेदारी
  • पूर्व सांसद केपी यादव को समस्तीपुर भेजा गया।

पार्टी सूत्रों की माने तो मध्यप्रदेश से बड़ा नेतृत्व बिहार चुनाव में और उतारा जाएगा। इसमें कई दिग्गजों के नाम शामिल हैं। इनकी सूची और कार्यक्षेत्र का निर्धारण भी दिल्ली ने किया है। जिम्मेदारी में न सिर्फ मंत्री, सांसद शामिल हैं बल्कि मोर्चा पदाधिकारियों को भी क्षेत्रीय जातिगत समीकरणों के आधार पर मैदान में उतारा जाएगा।

मामले पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने बताया कि बीजेपी संगठन हर चुनाव को बड़ी जिम्मेदारी से निभाता है। यह प्रदेश संगठन की उपलब्धि है कि बिहार में मध्यप्रदेश के कई कार्यकर्ताओं और नेतृत्व पर विश्वास जताया है। निश्चित ही मूल्यांकन आगामी दायित्वों की इबारत लिखेंगे। बिहार चुनाव के परिणाम बीजेपी पर जन विश्वास के साथ ऐतिहासिक होंगे।
 

उधर, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि बीजेपी के पास न मुद्दा है न ही सकारात्मक राजनीति का उद्देश्य। मध्यप्रदेश के नेता समेत देश के समस्त बीजेपी शासित राज्यों की फौज उतारे तो भी बीजेपी की जीत मुमकिन नहीं। आरोप यह भी लगाया कि धनबल के साथ गड़बड़ियों के लिए ही प्रदेश के बीजेपी नेताओं को बिहार भेजा जा रहा है।

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