आशुतोष तिवारी, बस्तर. जगदलपुर के संजय गांधी वार्ड स्थित रेलवे कॉलोनी में शनिवार को प्रशासन और रेलवे विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 32 अवैध मकानों पर बुलडोजर चलाया। इसकी जानकारी मिलते ही कांग्रेस जिला अध्यक्ष, पार्षद कोमल सेना और कांग्रेस कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया। वहीं स्थानीय लोगों ने सरकार से विकल्प तलाशने और पुनर्वास की मांग की है।
रेलवे विभाग के अनुसार, यह जमीन रेलवे की संपत्ति है, जिस पर अवैध रूप से मकान बनाकर लोग निवास कर रहे थे। विभाग ने बताया कि पूर्व में सभी को नोटिस दिया गया था और 11 अक्टूबर को तोड़फोड़ की तिथि तय की गई थी। हालांकि दशहरा त्योहार के चलते कार्रवाई स्थगित कर दी गई थी, जिसके बाद शनिवार को अभियान दोबारा शुरू किया गया। वहीं प्रभावित नागरिक आशीष पानी ने बताया कि उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। सुबह जब हम काम पर गए, तब तक सब ठीक था, जब काम से लौटे तो देखा घर तोड़ा जा रहा है। अगर बताया जाता तो हम अपना सामान निकाल लेते।


पार्षद ने प्रशासनिक कार्रवाई पर जताई आपत्ति
वार्ड की पार्षद कोमल सेना ने भी प्रशासनिक कार्रवाई पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, मुझे किसी तरह की सूचना नहीं दी गई थी। अधिकारियों ने कहा था कि सिर्फ दो लाइनें तोड़ी जाएगी, लेकिन बाद में बाकी झोपड़ियों को भी गिरा दिया गया। मैंने पहले भी प्रशासन से अनुरोध किया था कि जब तक इन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान न मिल जाए, तब तक इन्हें थोड़ा समय दिया जाए, लेकिन प्रशासन ने नहीं माना।
महापौर के निवेदन पर रेलवे ने दिवाली तक कार्रवाई पर लगाई रोक
रेलवे के एडीएम अधिकारी ने बताया कि विभाग को ऊपर स्तर से भूमि खाली कराने के निर्देश मिले थे। पिछले दो माह से नोटिस जारी किए थे। यह जगह रेलवे कर्मियों के लिए जरूरी क्षेत्र में आती है। मामले पर महापौर संजय पांडे ने कहा कि 2022 में कांग्रेस सरकार के दौरान भी घर तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, तब हमने आंदोलन कर प्रभावितों के नल और बिजली कनेक्शन बहाल करवाए थे। अब जब हमें घर तोड़ने की जानकारी मिली तो हमने डीआरएम से बात कर दिवाली तक का समय मांगा, जिसके बाद फिलहाल बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी गई है।
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