पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जोरदार झटका लगा है। गोपालपुर से जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मंडल का इस्तीफा ऐसे वक्त पर आया है जब जेडीयू में टिकट बंटवारे को लेकर मंथन चल रहा है और कई विधायकों की सीटें कटने की चर्चाएं तेज हैं।
टिकट कटने की आशंका के बीच इस्तीफा
सूत्रों के अनुसार गोपाल मंडल का टिकट इस बार कट सकता था। पार्टी के अंदर चर्चा थी कि उनकी जगह आरजेडी के पूर्व सांसद शैलेश कुमार को गोपालपुर सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इसी कयास के बीच गोपाल मंडल ने शनिवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
जेडीयू की नीतियों पर उठाए सवाल
इस्तीफे के बाद गोपाल मंडल ने जेडीयू की नीतियों पर खुलकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पार्टी की गलत नीतियों के कारण अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के नेताओं के उभरने की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। उनके अनुसार, पार्टी की नीतियों से समाज के अति पिछड़े वर्ग में नाराजगी है। जन दबाव और समाज के हितों को देखते हुए मैंने यह फैसला लिया है।
नीतीश के करीबी से आलोचक बने गोपाल मंडल
गोपाल मंडल को कभी नीतीश कुमार का करीबी और विश्वासपात्र नेता माना जाता था। लेकिन पिछले कुछ समय से उनकी बेबाक और कई बार विवादित बयानबाजियों के चलते पार्टी में असहजता बढ़ गई थी। यही कारण था कि टिकट बंटवारे की प्रक्रिया के दौरान उनका नाम कटने वाले विधायकों की सूची में आ गया था।
अब किस दल से लड़ेंगे चुनाव?
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि गोपाल मंडल आगामी चुनाव में किस पार्टी से मैदान में उतरेंगे। माना जा रहा है कि वे किसी नए राजनीतिक दल के सहारे चुनावी रण में उतर सकते हैं।राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गोपाल मंडल के कदम से जेडीयू को अति-पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक में नुकसान हो सकता है।
जेडीयू में बढ़ी हलचल
गोपाल मंडल के इस्तीफे के बाद जेडीयू खेमे में हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि पार्टी कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटने पर विचार कर रही है। ऐसे में उनके इस्तीफे से बाकी असंतुष्ट नेताओं को भी हौसला मिल सकता है।