रायपुर। राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में बिलासपुर जिले की शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों द्वारा ग्रीन शील्ड, अटल कृषि मित्र और मैकेनिकल स्मार्ट बायो टॉलेट के मॉडल के माध्यम से कृषि के सभी कार्य करने, कमरे का तापमान नियंत्रित करने और बायो टॉलेट में अशुद्ध जल को शुद्ध कर पुनः उसका उपयोग करने के समाधान सुझाये गए हैं.

इन तीनों मॉडलों का चयन नीति आयोग द्वारा 15 हजार प्रोजेक्टों में से किया गया है. रूस की राजधानी मास्कों के सोच्ची सीरियस सेंटर में 24 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इसमें देश के 25 विद्यार्थी और 5 शिक्षक का दल भेजा जाएगा. इनका चयन नीति आयोग द्वारा चयनित मॉडलों में से ही किया जाएगा.

ग्रीन शील्ड मॉडल में ऐसी टेक्नोलाजी विकसित की गई है, जिसमें अनुपयोगी प्लास्टिक का उपयोग कर कमरे के तापमान को नियंत्रित किया जाता है. इसमें प्लास्टिक का स्वभाविक पुनः उपयोग हो जाता है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना घर का तापमान नियंत्रित हो जाता है, एयर कंडिशन का उपयोग किए बिना.

अटल कृषि मित्र मॉडल एक कृषि रोबोट है, जो कृषि के सभी कार्य जैसे – जोताई, बोआई, मिसाई, कटाई, क्यारी बनाना, समतलीकरण करना, दवाई का छिड़काव करना, सिंचाई करना, परिवहन की सुविधा प्रदान करना.

मैकेनिकल स्मार्ट बायो टॉलेट के मॉडल के माध्यम से रेल्वे के टॉलेट सिस्टम को ओव्हर फ्लो, चौकिंग, बदबू की समस्या का समाधान बताया गया है. मॉडल का प्रदर्शन विद्यार्थियों बिलासपुर रेल्वे के मैकेनिकल इंजीनियर ललित धुरंधर के समक्ष भी कर चुके हैं। मॉडल में सेंसर लगा है, जो उपयोग करते समय तत्काल टॉलेट का पेड खुल जाता है और आटोमेटिक फ्लश होता है। जबकि उपयोग करने के बाद जब बाहर आएगा तो फिर से फ्लश होगा। यदि कोई व्यक्ति टॉलेट में बोतल गिराता है तो इसके अंदर एक और सेंसर लगा हुआ है जो ब्लेड वाला है, जो बोतल के टुकडे-टुकडे कर देगा। इसके नीचे एक 6 स्तर का टैंक बना है, जिसमें एजो बैक्टीरिया है जो मल को नष्ट कर तरल में परिवर्तित करता है। इस तरल में ऐलम होने से वह शुद्ध होकर पुनः फ्लश के उपयोग में आ जाता है।

ग्रीन शील्ड मॉडल का निर्माण प्रकाश निर्मलकर, हरिश चौधरी और प्रिंस कश्यप ने किया है। अटल कृषि मित्र और मैकेनिकल स्मार्ट बायो टॉलेट मॉडल का निर्माण योगेश दास मानिकपुरी, मनीष यादव और निखिल प्रजापति द्वारा किया है। इनके मार्गदर्शक शिक्षक डॉ. धनंजय पाण्डेय, सहर्ष सिंह और राघवेंद्र गोरहा है.