दिल्ली में 26,800 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मालिक कई महीनों से अपनी सब्सिडी की रकम का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इसकी मुख्य वजह लगभग दो साल से अधर में लटकी नई EV पॉलिसी को अंतिम रूप देने में हो रही देरी है। पुरानी पॉलिसी को इस साल की शुरुआत में अस्थायी रूप से बढ़ा दिया गया था। दिल्ली परिवहन विभाग फिलहाल 42.5 करोड़ रुपये से अधिक के लंबित दावों के बोझ से जूझ रहा है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले 10 महीनों में 26,862 सब्सिडी आवेदन जमा किए गए हैं, जिनमें से केवल कुछ ही संपन्न और निपटाए गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगस्त 2023 में पिछली ईवी पॉलिसी समाप्त होने के बाद सब्सिडी वितरण का काम काफी धीमा हो गया। हालांकि, पुरानी पॉलिसी को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया था, लेकिन अब प्रशासन नई ईवी पॉलिसी की रूपरेखा तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि इस प्रक्रिया में प्रशासनिक मंजूरी में देरी के कारण अब भी लाखों ईवी मालिक अपनी सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं।

दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ने सभी लंबित सब्सिडी आवेदनों की समीक्षा पूरी कर ली है और अब भुगतान फिर से शुरू करने के लिए परिवहन मंत्री की नई मंजूरी का इंतजार है।

एक अधिकारी ने बताया कि डुप्लिकेट एंट्रियों को हटाने के लिए डेटाबेस पूरी तरह से साफ कर दिया गया है। मंजूरी मिलने के बाद, सब्सिडी बैचों में जारी कर दी जाएगी और बकाया राशि इसी वित्तीय वर्ष में वितरित कर दी जाएगी।

दिल्ली की ईवी पॉलिसी, जिसे अगस्त 2020 में शुरू किया गया था, देश की सबसे महत्वाकांक्षी नीतियों में से एक मानी जाती है। इस पॉलिसी में:

इलेक्ट्रिक बाइक और स्कूटर के लिए 30,000 रुपये तक की खरीद प्रोत्साहन राशि,

इलेक्ट्रिक कारों के लिए 1.5 लाख रुपये तक की खरीद प्रोत्साहन राशि,

रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स में छूट जैसी सुविधाएँ शामिल थीं।

इस पहल से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी आई और 2024 में नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में ईवी की हिस्सेदारी 8 फीसदी से अधिक हो गई। हालांकि, 2023 में तीन साल की पॉलिसी अवधि समाप्त होने के बाद, बाजार के रुझानों, नई तकनीकों और केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार संशोधित नीति पर काम शुरू हुआ। इस दौरान सब्सिडी के दावों में भारी वृद्धि देखी गई। पिछले साल दिल्ली एलजी द्वारा कई सरकारी सलाहकारों को सस्पेंड करने के फैसले ने इस प्रक्रिया को और जटिल बना दिया, जिनमें ईवी सब्सिडी क्लेम को प्रोसेस करने वाले दिल्ली ईवी सेल के सदस्य भी शामिल थे। इसके अलावा, चुनाव की तैयारियों ने नई पॉलिसी को प्राथमिकता सूची में नीचे धकेल दिया, जिससे सब्सिडी भुगतान में लंबा विलंब हुआ।

दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सब्सिडी के लिए वेरिफिकेशन और मंजूरी सीधे तौर पर पॉलिसी की वैधता से जुड़ी होती है। अधिकारी ने कहा, “चूंकि पिछली पॉलिसी की अवधि समाप्त हो चुकी थी और नई पॉलिसी अभी तैयार की जा रही थी, इसलिए वित्तीय मंजूरियां रुकी हुई थीं।”

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m

देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक