रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सुपेबेड़ा में किडनी रोग से पीड़ितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने 2 अक्टूबर को अपने सुपेबेड़ा प्रवास के दौरान वहां विशेषज्ञ एमडी चिकित्सक की नियुक्ति की घोषणा की थी. इस पर त्वरित अमल करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा देवभोग में एमडी मेडीसिन की पदस्थापना कर दी गई है. रायपुर के डीकेएस अस्पताल और एम्स में भी सुपेबेड़ा के लोगों के उपचार की व्यवस्था की गई है.
पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर के विशेषज्ञों द्वारा आज सुपेबेड़ा में एक दिवसीय विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है. शिविर में दोनों अस्पतालों के विशेषज्ञ वहां क्रॉनिकल किडनी डिसीज की विशेष जांच करेंगे. एम्स के निदेशक, किडनी विशेषज्ञ, एमडी मेडीसिन और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा शिविर में विशेष रूप से मौजूद रहकर प्रभावितों की जांच की जाएगी.
गरियाबंद के कलेक्टर ने बताया कि सुपेबेड़ा एवं देवभोग में सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए रणनीति पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गरियाबंद जिला अस्पताल में फ्लोराइड प्रयोगशाला स्थापित की गई है. किडनी संबंधी खून जांच और डायबिटीज आदि की भी जांच की सुविधा जिला अस्पताल एवं देवभोग स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध कराई जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर सुपेबेड़ा सहित 6 अन्य गांवों में किडनी रोग आधारित स्क्रीनिंग प्रारंभ की गई है. इससे रोगियों को समय पर चिन्हित कर उचित सलाह एवं उपचार दिया जा सकेगा. सुपेबेड़ा में मेडिकल मोबाइल क्लीनिक के माध्यम से चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा भी हर सप्ताह सेवाएं दी जा रही है.