कांकेर। जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत बारदा एक साल पहले ही खुला में शौच मुक्त (ODF) हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पंचायत के सरपंच सचिव को खुला में शौच मुक्त कराने के लिए इनाम भी मिला है मगर बिडम्बना ये है की ग्राम पंचायत के शासकीय प्री मेट्रिक बालक छात्रावास में शौचालय नहीं है और न ही शासन या ग्राम पंचायत की ओर से छात्रावास में शौचालय निर्माण किया गया है.

जिसकी खामियाजा छात्रावास में रहने वाले 35 छात्रों को रोजाना भुगतना पड़ता है। छात्रावास में रहने वाले छात्रों को रोजाना सुबह शाम जंगल में खुले में शौच जाना पड़ता है जिससे बच्चो को कई परेशानियो का सामना करना होता है जैसे मच्छर काटना, जंगली जीव जंतु का भय से रोजाना बच्चो को गुजरना पड़ता है।

छात्रावास में रहने वाले बच्चो द्वारा छात्रावास अधीक्षक, खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर गाँव के सरपंच तक को अपनी परेशानिओ से अवगत कराते हुए शौचालय की मांग किया गया है मगर आज तक छात्रावास में शौचालय नहीं बनाया गया है, ऐसे में कैसे ग्राम पंचायत बारदा खुला में शौच मुक्त (ODF) घोषित हुआ है एक बड़ी सवाल है?

किस तरह फर्जी तरीके से वहा के सरपंच सचिव को मुख्यमंत्री से इनाम प्राप्त हुआ है जिसका पोल इस छात्रावास में रहने वाले छात्रों के हाथों में सुबह शाम लौटा लिए हुए जंगल की ओर खुले में शौच जाते तस्बीर से खुलती है। यही नहीं जो तस्बीर दर्शको को दिखाया जा रहा है कही न कही इससे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के स्वच्छ भारत के संकल्प टूटते नज़र आ रहा है।