देश के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्तीय सहायता में 100 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। यह सहायता केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत दी जाती है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सूची के अनुसार, कई महत्वपूर्ण योजनाओं के तहत दी जाने वाली वित्तीय मदद में अब उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।

गरीबी अनुदान दोगुना

देश के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए वित्तीय राहत को और बढ़ाया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गरीबी अनुदान (Penury Grant) को 4,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रतिमाह प्रति लाभार्थी करने की मंजूरी दी है। यह अनुदान उन वृद्ध पूर्व सैनिकों को दिया जाएगा जो पेंशन के पात्र नहीं थे, ताकि उन्हें आजीवन आर्थिक सहायता मिल सके। इसके अलावा, यह लाभ उन विधवाओं को भी मिलेगा जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है।

शिक्षा अनुदान में वृद्धि

पूर्व सैनिकों के आश्रित बच्चों के लिए शैक्षणिक अनुदान को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रतिमाह प्रति विद्यार्थी किया गया है। यह सहायता दो तक आश्रित बच्चों को कक्षा 1 से स्नातक स्तर तक मिलेगी। साथ ही, शहीद सैनिकों की विधवाओं के लिए यह अनुदान अब दो वर्ष के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम तक विस्तारित किया गया है।

विवाह अनुदान भी दोगुना

पूर्व सैनिकों की दो तक बेटियों के विवाह या विधवा पुनर्विवाह के लिए मिलने वाला विवाह अनुदान अब 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह बढ़ाई गई राशि सभी पात्र लाभार्थियों तक जल्द से जल्द पहुँचाई जाएगी, जिससे पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी और उन्हें समान्य जीवन यापन में मदद मिलेगी।

नवंबर 2025 से लागू होंगे नए नियम

रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ये संशोधित दरें 1 नवंबर 2025 से प्रस्तुत आवेदनों पर लागू होंगी। इस निर्णय से सरकार पर लगभग 257 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय भार पड़ेगा, जिसे सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (AFFDF) से वहन किया जाएगा। ये सभी योजनाएं ‘रक्षा मंत्री पूर्व सैनिक कल्याण कोष’ के अंतर्गत संचालित हैं, जो AFFDF का एक उप-कोष है।

सरकार का पूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान

मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय गैर-पेंशनभोगी सैनिकों, विधवाओं और निम्न-आय वर्ग के आश्रितों के सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करेगा। इसे पूर्व सैनिकों की सेवा और बलिदान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया गया। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम न केवल पूर्व सैनिकों के जीवन स्तर को सुदृढ़ करेगा, बल्कि देश के रक्षकों के प्रति सरकार की कृतज्ञता का भी संदेश देगा।

ये सभी योजनाएं रक्षा मंत्री पूर्व सैनिक कल्याण कोष के तहत संचालित हैं, जो AFFDF का एक उप-कोष है। मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों, विधवाओं और निम्न आय वर्ग के आश्रितों के सामाजिक सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करेगा। यह कदम सरकार की उन प्रतिबद्धताओं को पुनः स्थापित करता है, जिनके तहत वह देश की सेवा और बलिदान देने वाले सैनिकों के सम्मान और कल्याण के लिए सतत प्रयासरत है।
 

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