भुवनेश्वर। ओडिशा के सबसे बड़े पुलिस भर्ती घोटाले में एक नाटकीय मोड़ आया है. इस घोटाले के कथित सरगना शंकर पृष्टि ने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया है.

पंचसॉफ्ट कंपनी चलाने वाले पुष्टि पर सब-इंस्पेक्टर (एसआई) परीक्षा प्रक्रिया में धांधली करने वाले रैकेट का मास्टरमाइंड होने का आरोप है. उनकी पत्नी दीप्तिमयी साहू और कथित बिचौलिए मुना मोहंती ने भी गिरफ्तारी से बचने के लिए इसी तरह की याचिकाएँ दायर की हैं.
यह घोटाला 27 सितंबर को सामने आया, जिससे ओडिशा पुलिस एसआई भर्ती प्रक्रिया में व्यापक धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ. विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने दर्जनों उम्मीदवारों और बिचौलियों से पूछताछ की है.
सूत्रों का कहना है कि पुष्टि, जो अब फरार है, इस भंडाफोड़ के तुरंत बाद नेपाल के रास्ते भारत से भाग गया और दुबई में छिपा हुआ है. वह इस जाल से कैसे बच निकला, यह एक रहस्य बना हुआ है.
जांचकर्ताओं का दावा है कि प्रुस्टी ने परीक्षा प्रणाली को दूर से ही हैक करके नतीजों में हेरफेर किया, जिससे अयोग्य लोग भी जगह बना पाए. जैसे-जैसे उच्च न्यायालय जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो रहा है, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह फैसला मामले को बना या बिगाड़ सकता है. पुलिस ने उसे वापस लाने की प्रत्यर्पण योजनाओं के बारे में अभी तक कुछ नहीं बताया है, लेकिन जाल कसता जा रहा है.