Rajasthan News: एक दशक से भी अधिक इंतजार कर रहे रॉयल राजविलास प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों दीपावली का बड़ा तोहफा मिला है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जयपुर कार्यालय ने सीए भरत बंब और उसके सहयोगियों के सिंडीकेट बैंक घोटाले में कुर्क सम्पत्तियों में शामिल रॉयल राज विलास के 175 करोड़ मूल्य के 354 फ्लैट, 17 व्यावसायिक इकाइयां और 2 भूखंडों को वापस कर दिया।

इस कार्रवाई से 213 वास्तविक घर खरीदारों की 12 साल पुरानी पीड़ा निजात मिली है। ये लोग कानूनी उलझनों और दिवालिया प्रक्रिया में फंसे थे। वर्ष 2016 सिंडिकेट बैंक (अब केनरा) में 1267.79 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
सीबीआइ ने बैंक फ्रॉड मामले में तीन एफआइआर और एक आरोपपत्र पेश किया। इस आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच करते हुए उदयपुर एंटरटेनमेंट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड (यूईडब्ल्यूपीएल) के रॉयल राजविलास की 83.51 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर दी। यह संपत्ति रॉयल राजविलास प्रोजेक्ट की बिना बिकी इन्वेंट्री के रूप में दर्ज थी।
लंबी कानूनी जंग के बाद मिली राहत
कंपनी पर आइबीसी 2016 के तहत दिवालिया प्रक्रिया शुरू की। इसके चलते एनसीएलटी मुंबई ने फरवरी 2022 में समाधान योजना को मंजूरी दी। हालांकि ईडी को उस कार्रवाई में पक्षकार नहीं बनाया गया। इसके बाद मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने पर घर खरीदारों के हित में आदेश दिया। ईडी ने 221 घर खरीदारों की जांच की और उनमें से 213 खरीदारों को कुर्क संपत्तियों की वापसी के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिए। 8 खरीदारों से जुड़ी 11 इकाइयों पर अभी जांच जारी है, क्योंकि उनका सीधा संबंध अपराध की आय से पाया गया।
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