जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में आज नक्सलियों ने सबसे बड़ी संख्या में हथियार डालकर सरेंडर किया है. इस आत्मसमर्पण के लिए आयोजित ‘पूना मारगेम-पुनर्वास से पुनर्जीवन’ में सीएम साय शामिल हुए. उन्होंन कहा कि आज का दिन बस्तर ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ और पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है. आज 210 लोग, जो रास्ता भटक गए थे, जो समाज से अलग हो गए थे, ऐसे लोग गांधी जी की अहिंसा नीति और सरकार की पुनर्वास नीति पर विश्वास करके नया जजीवन शुरू कर रहे है. सीएम साय ने आत्मसमर्पित सभी नक्सलियों को शुभकामनाएं दी.

सीएम साय ने आगे कहा कि बहुत दुख होता है कि इस नक्सलवाद के कारण मरने-मारने वाले लोगों में हमारे अपने लोग ही होते थे. इसलिये केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर इसका समाधान करने का फैसला किया. सरकार के गठन होते ही पता चला कि 77 प्रतिशत नक्सलवाद छत्तीसगढ़ में था और 23 प्रतिशत छत्तीसगढ़ से लगे अन्य राज्यों में था. उस समय हमने नक्सलवाद का खात्मा करने का निर्णय लिया. 

सीएम साय ने बताया कि प्रदेश को नक्सलवादमुक्त बनाने की दिशा में गृहमंत्री ने कई प्रदेशों में जाकर वहां की पुनर्वास नीति का अध्ययन किया और एक अच्छा पुनर्वास नीति हमने अपनाया और इस पर विचार करते हुए नक्सल संगठनों से आत्मसमर्पण कर विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का आव्हान किया. इससे पहले कभी नहीं हुआ कि विकास की मुख्यधारा से इतने लोग जुड़ रहे हैं.

उन्होने कहा कि पुनर्वास नीति से जुड़कर कई लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. साथ ही जो नई उद्योग नीति है, उसमें भी सभी को रोजगार समेत कई सुविधाएं दिए जाने के प्रावधान किये गए हैं. इनमें कई लोगों को पीएम आवास योजना से मकान भी स्वीकृत कराया गया है, रोजगार भी दिया जा रहा है, खेती के लिए जमीन भी दी जा रही है.

सीएम साय ने कहा कि बस्तर नक्सलवाद के कारण विकास से दूर था. लेकिन अब सरकार की योजनाओं के कारण बस्तर संभाग में सड़कें है, बिजली है, शिक्षा है. बस्तर विकास की ओर बढ़ रहा है. 

उन्होंने सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को उज्वल भविष्य के लिए शुभकामएं देते हुए कहा कि उनका जीवन आगे अच्छे से चले, इसके लिए सरकार आगे भी प्रयास करेगी.