रायपुर- निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए छत्तीसगढ़ में चल रही जांच पर अंतरिम रोक लगाई थी. अब एक बार फिर मुकेश गुप्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. इस बार मामला बेटियों के फोन टेप कराए जाने से जुड़ा है. गुप्ता की ओर से दाखिल रिट पिटिशन में कहा गया है कि अवैध तरीके से छत्तीसगढ़ पुलिस उनकी बेटियों का फोन टेप कर रही है. मामले की सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. इधर सूबे में इस बात को लेकर हड़कंप मच गया है कि पुलिस महकमे से आखिर कैसे सूचनाएं लीक हो रही हैं? पुलिस महकमे के तमाम आला अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक हाल ही में छह अक्टूबर को रायपुर पुलिस के लेटर क्रमांक IGP/SC/P-5829C के जरिए निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता की बेटियों के फोन टेप किए जाने के आदेश जारी किए थे और इस दिन ही गुप्ता की बेटी ने दिल्ली के मालवीय नगर थाना में अवैध तरीके से फोन टेप किए जाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. मुकेश गुप्ता की बेटी देवयानी गुप्ता और मुक्ता गुप्ता ने अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है.

 

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने तीन अलग-अलग मामलों में गुप्ता के खिलाफ चल रही जांच पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई थी. जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस एम आर शाह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था. गौरतलब है कि मुकेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल करते हुए मांग की थी कि छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ चल रही जांच, राज्य के बाहर सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए. उनकी ओर से दलील दी गई थी कि उनके विरूद्ध दर्ज सभी मामले प्रायोजित हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था. मुकेश गुप्ता के खिलाफ अवैध तरीके से फोन टेपिंग कराए जाने के साथ-साथ साडा प्लांट आबंटन में गड़बड़ी और मिक्की मेहता की मौत मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.