Rajasthan News: राजधानी जयपुर में विशेष कार्य बल (SOG) और स्थानीय पुलिस ने त्योहारी सीजन (Festive Season) के बीच नकली नोटों के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

नारायण विहार इलाके में एक फ्लैट से 43 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए है। इस कार्रवाई में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो 1 लाख रुपये असली के बदले 4 लाख रुपये नकली नोट सप्लाई (Supply) कर रहे थे। इन नोटों की गुणवत्ता (Quality) इतनी उच्च थी कि वाटरमार्क (Watermark) और सिक्योरिटी थ्रेड (Security Thread) जैसे फीचर्स देखकर जांच दल भी हैरान रह गया।

पुलिस आयुक्त (Commissioner) बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में सांभर के हबसपुरा निवासी राजेंद्र चौधरी, नरेना के देवपुरा निवासी शंकरलाल चौधरी, बीकानेर के मुक्ता प्रसाद नगर निवासी मनोज उर्फ गणपति बिश्नोई, बज्जू खालसा बीकानेर निवासी बलकरण उर्फ बलदेव और मदनलाल बिश्नोई शामिल हैं। इनमें से कई आरोपियों के खिलाफ राजस्थान और पंजाब में पहले से नकली नोटों से जुड़े मामले (Cases) दर्ज हैं।

15 दिन की निगरानी के बाद कार्रवाई

एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) वीके सिंह ने बताया कि उनकी टीम पिछले 15 दिनों से इस गिरोह पर नजर रख रही थीं। खुफिया सूचना (Intelligence Input) के आधार पर पता चला कि धनतेरस और दीवाली के मौके पर जयपुर में नकली नोटों की बड़ी खेप बाजार में उतारी जा रही है। इसके बाद नारायण विहार थाना पुलिस के साथ मिलकर एक फ्लैट पर छापा (Raid) मारा गया, जहां से यह खेप बरामद हुई।

नकली नोटों की बारीक बनावट

जांच में सामने आया कि बरामद नोट 500 और 2000 रुपये के मूल्यवर्ग (Denominations) के थे। इनमें वाटरमार्क, सिक्योरिटी थ्रेड और अन्य सुरक्षा विशेषताएं (Security Features) इतनी बारीकी से बनाई गई थीं कि आम नजरों में ये असली लगते थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ये नोट इतने उन्नत (Sophisticated) थे कि बिना विशेष उपकरणों (Specialized Equipment) के इन्हें पहचानना मुश्किल था। गिरोह ने प्रिंटिंग तकनीक (Printing Technology) में महारत हासिल कर ली थी।” आरोपी इन नोटों को त्योहारी बाजारों, मंदिरों और व्यापारिक सौदों में खपाने की योजना बना रहे थे।

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