शब्बीर अहमद, भोपाल/खजुराहो। मध्य प्रदेश के लिए दिवाली के दिन अच्छी खबर आई है। भारतीय वायुसेना (IAF) ने खजुराहो में सेंट्रल इंडिया के सबसे बड़े एयरबेस के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया है। 1000 एकड़ विशाल क्षेत्र में बनने वाले इस एयरबेस को मंजूरी मिलते ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह परियोजना न केवल राज्य की रक्षा क्षमता को मजबूत करेगी, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास को भी नई गति देगी।

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खजुराहो, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में विश्व प्रसिद्ध है, अब रक्षा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा। वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार, खजुराहो की भौगोलिक स्थिति सेंट्रल इंडिया के लिए आदर्श है। यह एयरबेस मध्य भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूत करेगा और पड़ोसी राज्यों की निगरानी में सहायक सिद्ध होगा। प्रस्ताव में चार संभावित स्थानों का चयन किया गया है, जिनमें से अंतिम निर्णय मंजूरी के बाद लिया जाएगा। 

प्रस्ताव की प्रमुख विशेषताएं

  • क्षेत्रफल: लगभग 1000 एकड़ भूमि पर निर्माण, जो सेंट्रल इंडिया के मौजूदा एयरबेस से कई गुना बड़ा होगा।
  • उद्देश्य: फाइटर जेट्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों के लिए आधुनिक सुविधाएं। यह एयरबेस ग्वालियर और जबलपुर जैसे मौजूदा बेस को सपोर्ट करेगा।
  • चरणबद्ध निर्माण: पहले चरण में रनवे और हैंगर का निर्माण, दूसरे चरण में रडार और रखरखाव यूनिट।
  • स्थानीय प्रभाव: स्थानीय किसानों से जमीन अधिग्रहण पर मुआवजा और रोजगार के अवसर सुनिश्चित।

प्रस्ताव की समीक्षा चल रही है और दीपावली के बाद हरी झंडी मिलने की संभावना है। वायुसेना ने पिछले महीने ही इस परियोजना के लिए विस्तृत सर्वे पूरा किया था। खजुराहो में पहले से मौजूद सिविल एयरपोर्ट (HJR) को इस एयरबेस के साथ एकीकृत करने की योजना भी है, जिससे पर्यटकों और सैन्य उड़ानों के बीच संतुलन बना रहेगा।

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