पटना। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया है कि एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का मुख्यमंत्री पद का चेहरा कोई और नहीं बल्कि वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं। एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान जब उनसे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर सवाल किया गया, उन्होंने बेझिझक कहा नीतीश कुमार हमारे मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। बिहार में चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है। हम चुनाव जीतेंगे।

राजनीति में तमाम कयास लगाए जा रहे थे

यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति में तमाम कयास लगाए जा रहे थे कि क्या नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे या भाजपा किसी और नाम को आगे करेगी। लेकिन कुशवाहा के बयान ने इस संदर्भ में तमाम अटकलों पर फिलहाल विराम लगा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार का पिछले दो दशकों में बिहार के विकास में अहम योगदान रहा है और जनता उनके नेतृत्व पर भरोसा करती है।

नीतीश कुमार का ट्रैक रिकॉर्ड

नीतीश कुमार ने पिछले 18 वर्षों में बिहार को एक नए रास्ते पर लाने की कोशिश की है। उनकी सरकार ने सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए साइकिल योजना, पोशाक योजना जैसी योजनाएं देशभर में सराही गईं। हालांकि उनके शासन पर कुछ आलोचनाएं भी हुईं, जैसे शराबबंदी के फैसले के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर बहस, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने फैसलों पर अडिग रहते हुए शासन चलाया।

RLM और NDA का समीकरण

उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM हाल ही में फिर से एनडीए में शामिल हुई है। पहले उन्होंने नीतीश कुमार की नीतियों की आलोचना की थी, लेकिन अब उन्होंने पूरी तरह से उनका समर्थन किया है। कुशवाहा ने कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब बात बिहार के भविष्य की हो, तो सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए। उनका यह रुख साफ दर्शाता है कि NDA में फिलहाल नेतृत्व को लेकर कोई भ्रम नहीं है।

विपक्ष की रणनीति

दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ भी पूरी तैयारी में है। राजद कांग्रेस और वाम दलों की कोशिश है कि वे नीतीश कुमार और भाजपा को घेरने के लिए बेरोजगारी, महंगाई, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाएं। लेकिन NDA के नेता यह मानते हैं कि उनका रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने है और वे विकास के नाम पर वोट मांगेंगे।