Rajasthan News: दीवाली की रौनक में पटाखों की चमक ने कई परिवारों के चेहरों पर कालिख पोत दी। लापरवाही भरा उत्सव घातक साबित हुआ, जब सोमवार-मंगलवार को मथुरादास माथुर अस्पताल (एमडीएमएच) और महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) में 100 से अधिक लोग झुलसी चोटों के साथ पहुंचे। इनमें आंखों में बारूद की चिंगारियां, हाथों में बम फटना और सूतली बम से सिर पर चोटें शामिल हैं।

विचलित करने वाली तस्वीरों में खून से सनी आंखें, जले चेहरे और टूटी हड्डियां दिख रही हैं, लेकिन ये लापरवाही के भयानक नतीजे दिखाने के लिए जरूरी हैं। कुल 14 मरीजों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया जिनका इलाज जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी कि अगले कुछ दिनों में और केस आ सकते है।

एमडीएमएच के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद चौहान ने मीडिया को बताया कि 50 से अधिक मरीज आंखों की चोट लेकर पहुंचे। दो मरीजों की आंखों में बारूद और पत्थर की चिंगारियां कॉर्निया तक घुस गईं, जिन्हें सर्जरी से निकाला गया। एक मरीज की पलक कट गई, जिस पर टांके लगाए गए। तीसरे को चोट की गंभीरता से भर्ती किया। शेष 47 को प्राथमिक उपचार देकर एमजीएच रैफर किया। त्वचा रोग विभाग में 40 मरीज आए, जिनमें ज्यादातर हल्के बर्न थे। अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने कहा, “25 मरीजों को दवा देकर घर भेजा, लेकिन चेकअप के लिए बुलाया।”

एमजीएच में हालात और गंभीर थे। ओपीडी में 50 से ज्यादा घायल पहुंचे। प्लास्टिक सर्जरी विभाग में 10 मरीजों को 5-10% बर्न पर भर्ती किया। सबसे दर्दनाक मामला रातानाडा की 38 वर्षीय महिला का, जिनके कपड़ों में दीपक से आग लगी और वे 80% झुलस गईं। अधीक्षक डॉ. फतेहसिंह भाटी और एचओडी डॉ. रजनीश गालवा ने मीडिया को बताया कि, “कईयों के हाथों में बम फट गया, सूतली बम से सिर फटे। गंभीर मरीजों को एडमिट किया।” शेष मरीज घर जाने को तैयार थे, लेकिन नियमित फॉलो-अप का वादा किया।

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