पटना। बिहार कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। टिकट से वंचित नेताओं ने आज पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में सामूहिक उपवास और धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन पर गंभीर आरोप लगाए। नेताओं ने दावा किया कि अल्लावरू ने पैसे लेकर टिकटों की खरीद-फरोख्त की है, जिससे पार्टी की साख को गहरी चोट पहुंची है।

कांग्रेस संगठन को पूरी तरह तहस-नहस किया

धरने में शामिल कांग्रेस नेताओं ने कृष्णा अल्लावरू पर पार्टी को कमजोर करने और बीजेपी का स्लीपर सेल की तरह काम करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा कि अल्लावरू और उनकी टीम ने बिहार में कांग्रेस संगठन को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। उन्होंने कहा पिछले दस साल से बिहार कांग्रेस में कोई स्थायी कमेटी नहीं है। टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में पारदर्शिता पूरी तरह गायब है। हम चाहते हैं कि अल्लावरू और उनकी टीम को तत्काल हटाया जाए और बिहार में एक नई टीम भेजी जाए, जो राजनीतिक समझ और कार्यकर्ताओं का सम्मान रखती हो।

राहुल को पीएम बनना देखना चाहते हैं

आनंद माधव ने आगे कहा कि कांग्रेस के प्रति उनकी निष्ठा अटूट है और वे राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा हम राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं। लेकिन जब पार्टी के अंदर बीजेपी के स्लीपर सेल जैसे लोग बैठे होंगे, तब यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। माधव का आरोप था कि टिकट बंटवारे में कोई निर्धारित मानक नहीं अपनाया गया और कई बाहरी लोगों को अचानक टिकट दे दिया गया।

काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

धरने के दौरान कई नेताओं ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन रोकने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। आनंद माधव ने कहा कि उन्हें यह तक ऑफर दिया गया कि अगर वे धरना छोड़ दें तो उन्हें एमएलसी बना दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि वे किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे।

बिहार की जनता के साथ धोखा

बंटी चौधरी, सिकंदरा के पूर्व विधायक ने कहा कि पार्टी के असली कार्यकर्ताओं के अधिकारों का हनन किया गया है। उन्होंने कहा यह केवल कुछ नेताओं के साथ अन्याय नहीं बल्कि यह पूरे बिहार की जनता के साथ धोखा है। आज जो लोग यहां धरने पर बैठे हैं वे अपने-अपने क्षेत्रों में पहचान रखने वाले समर्पित कार्यकर्ता हैं। उन्हें टिकट न देकर बाहरी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी गई है।

टिकट चोर बिहार छोड़ो

धरनास्थल पर मौजूद नेताओं के हाथों में ‘टिकट चोर बिहार छोड़ो’ जैसी तख्तियां थीं। उनका कहना था कि जब टिकट पैसों पर बेचे जाएंगे तो कांग्रेस कैसे मजबूत होगी।बरबीघा से पूर्व प्रत्याशी गजानंद शाही ने कहा कि टिकट बंटवारे में भारी गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा पिछले चुनाव में मैं मात्र 113 वोट से हारा था, जबकि कई उम्मीदवार 30 हजार वोट से हारे। फिर भी उन्हें टिकट दिया गया और मुझे नहीं। क्या यह न्याय है? उन्होंने आरोप लगाया कि टिकट पैसों के लेन-देन के आधार पर दिए गए हैं, जिससे पार्टी की जड़ें कमजोर हो रही हैं।

आने वाले बंगाल चुनाव में पड़ेगा असर

गजानंद शाही ने यह भी कहा कि अगर यह रवैया जारी रहा तो इसका असर आने वाले बंगाल चुनावों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा हम कांग्रेसी थे, हैं और रहेंगे, लेकिन जब गलत होगा तो सवाल जरूर उठाएंगे।

धरना प्रदर्शन में यह नेता रहे शामिल

धरना-प्रदर्शन में खगड़िया से विधायक छत्रपति यादव, यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नागेंद्र पासवान, बांका की जिलाध्यक्ष कंचना कुमारी, सारण जिला अध्यक्ष बच्चू कुमार वीरू, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार राजन, एआईसीसी सदस्य मधुरेन्द्र कुमार सिंह और खेल प्रकोष्ठ के चेयरमैन प्रद्युमन कुमार सिंह समेत एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ नेता शामिल रहे। सभी नेताओं ने एक स्वर में मांग की कि पार्टी नेतृत्व तत्काल टिकट बंटवारे की प्रक्रिया की जांच करे और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर आवाज नहीं सुनी गई तो वे अपने आंदोलन को और व्यापक रूप देंगे।