रायपुर। वन मंत्री महेश गागड़ा की अध्यक्षता में मंगलवार को वन विभाग के मुख्यालय ’अरण्य भवन’ में प्रदेश के हाथी प्रभावित क्षेत्रों के वनमंडलाधिकारियों और मुख्य वन संरक्षकों की बैठक हुई। बैठक में हाथी प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई।
वनमंत्री महेश गागड़ा ने अधिकारियों को हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथियों से जान-माल की सुरक्षा के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को किसी भी दशा में आबादी वाले इलाकों और खेतों में हाथियों को प्रवेश करने से रोकने के कारगर उपाए करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सुरक्षा उपाए के संबंध में राज्य और केन्द्र स्तर पर कोई कार्रवाई की जानी हो तो उसकी जानकारी तुरंत प्रस्तुत करें। बैठक में बेंगलुरू से आए हाथी विशेषज्ञ अजय देसाई और वियतनाम के श्री मूर्ति ने हाथियों से जान-माल की सुरक्षा के संबंध में अपना सुझाव दिए।
बैठक में सरगुजा, कोरबा, धरमजयगढ़, जशपुर और सुन्दरगढ़ के हाथी विचरण वाले क्षेत्रों के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। जानकारी दी गई कि रायगढ़ जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्रों में समुचित पानी और चारा उपलब्ध होने के कारण वहां पर हाथी आक्रमण नहीं करते हैं। इसी प्रकार हाथी प्रभावित अन्य क्षेत्रों में भी पानी के लिए जल स्त्रोत तैयार करने, तालाब निर्माण करने, चारागाह का विकास करने के साथ ही कॉरिडोर का भी विकास करने का प्रस्ताव है। हाथियों से बचाव के लिए जनजागरण अभियान चलाने की भी जानकारी दी गई।
श्री गागड़ा ने अधिकारियों को हाथी प्रभावित क्षेत्रों के सभी गांवों में ग्राम सभा का आयोजन करने और हाथियों से बचाव के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अतिसंवेदनशील क्षेत्रों के लिए विशेष सुरक्षा दल गठित करने, लघु वनोपज संग्रहण जैसे तेन्दूपत्ता तोड़ाई और फसल कटाई के समय सुरक्षा का विशेष प्रबंध करने के साथ हाथियों के आबादी क्षेत्रों और खेतों के करीब आने की जानकारी देने के लिए कंट्रोल रूम बनाने की भी जानकारी दी गई। इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) आर.के.सिंह सहित हाथी प्रभावित क्षेत्रों के वनमंडलाधिकारी एवं मुख्य वन संरक्षक मौजूद थे।