अजयारविंद नामदेव, शहडोल। एक ओर सरकार गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए सड़कों का जाल बिछाने के दावे कर रही है। वहीं शहडोल जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने इन दावों की हकीकत उजागर कर दी। सड़क के अभाव में एक 29 वर्षीय महिला की जान चली गई।

जिला पंचायत सदस्य दुर्गेश तिवारी ने बताया कि जनपद पंचायत ब्यौहारी अंतर्गत ग्राम पंचायत बुढवा के धरी नंबर 2 में रहने वाली गुड़िया साकेत अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रही थी। बारिश के कारण सड़क पर गहरा कीचड़ जमा था। इसी कीचड़ भरे रास्ते से गुजरते वक्त उसका पैर फिसल गया और वह बुरी तरह गिर पड़ी। गंभीर चोट लगने के कारण कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा।

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कीचड़ भरे रास्ते से गांव तक पहुंचाया

सड़क नहीं होने के कारण शव को एंबुलेंस तक ले जाना भी नामुमकिन था। मजबूरी में परिजनों ने दो डंडों के सहारे महिला का शव कंधे पर रखकर उसी कीचड़ भरे रास्ते से गांव तक पहुंचाया। यह दृश्य हर किसी की आंखें नम कर गया। जिला पंचायत सदस्य दुर्गेश तिवारी ने बताया कि ग्रामीण लंबे समय से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सड़क नहीं होने से गर्भवती महिलाओं, स्कूली बच्चों और बीमार लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। एंबुलेंस तक गांव नहीं पहुंच पाती और ऐसे हादसे रोजमर्रा की मजबूरी बन गए हैं।

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ग्रामीणों ने की ये मांग

दुर्गेश तिवारी ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि विकास के दावे तब तक बेमानी हैं, जब तक गांव की मिट्टी में सड़कों की जगह कीचड़ है। वहीं ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से तत्काल सड़क निर्माण की मांग की है, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।

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