कुन्दन कुमार/मोकामा। बिहार में दुलारचंद यादव की हत्या ने एक बार फिर क्षेत्र के चुनावी और राजनीतिक माहौल को हिला दिया है। इस घटना के बाद बाहुबली और पूर्व विधायक अनंत सिंह ने मीडिया के सामने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस घटना के समय वह अपने काफिले के साथ आगे जा रहे थे और पीछे करीब 10 गाड़ियां पीछे छूट गई थीं।

जानें क्या बोले अनंत सिंह

अनंत सिंह ने घटना का विवरण साझा करते हुए कहा कि सबसे पहले दुलारचंद यादव ने हाथ छोड़ा और उसके बाद यह दुखद घटना हुई। हमारे काफिले की कई गाड़ियों को भी इस दौरान काफी नुकसान हुआ। जो कुछ भी हुआ, वह पूरी तरह से सूरजभान सिंह के कहने और कराए जाने से हुआ। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुलारचंद यादव को सूरजभान सिंह के इशारे पर नियंत्रित किया जाता था और उन्हें अपने काम करवाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

जांच की मांग

पूर्व विधायक ने कहा कि यह पूरी घटना स्पष्ट रूप से जांच की मांग करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो आरोप उनके खिलाफ लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद हैं। उनका कहना था कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से घसीटा जा रहा है जबकि वास्तविक जिम्मेदार और साजिशकर्ता सूरजभान सिंह हैं।

व्यक्तिगत रंजिश की भी संभावना

अनंत सिंह ने मीडिया से कहा कि इस घटना के पीछे राजनीतिक और व्यक्तिगत रंजिश की भी संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस हत्याकांड से न केवल उनके काफिले की सुरक्षा पर सवाल उठता है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इस प्रकार की हिंसा चुनावी माहौल को प्रभावित करती है और लोकतंत्र की प्रक्रिया में बाधा डालती है।

काफिला पूरी तरह शांतिपूर्ण

उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका काफिला पूरी तरह शांतिपूर्ण था और किसी तरह की हिंसा में शामिल नहीं था। उनका कहना था कि हमारे ऊपर लगाए जा रहे आरोप केवल राजनीतिक दबाव बनाने और स्थिति को भटकाने के लिए लगाए जा रहे हैं। घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि वास्तविक अपराधियों को सजा मिल सके।

पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू की

पुलिस की ओर से भी बताया गया है कि मोकामा में हुई इस गोलीबारी और गाड़ी नुकसान की घटना की जांच चल रही है। पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू की है और FSL टीम को बुलाया गया है। टीम घटना की गहराई से जांच कर रही है कि किसने गोली चलाई और किसकी भूमिका इसमें शामिल थी। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि चुनावी माहौल में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को कैसे सुनिश्चित किया जाए। चाहे राजनीतिक दबाव हो या स्थानीय वर्चस्व की लड़ाई, नागरिक और मतदाता को हिंसा‑मुक्त वातावरण की आवश्यकता है। इस मामले में सभी राजनीतिक दलों और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वे निष्पक्ष जांच कराएं और दोषियों को कानून के कटघरे में लाएं। अनंत सिंह की प्रतिक्रिया इस मामले में विवाद और जटिलता को और बढ़ा रही है। अब यह देखना बाकी है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच कर पाएंगे या नहीं और अगली कार्रवाई के रूप में दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।