Knee Grease Ayurvedic Treatment: घुटनों में ग्रीस की कमी बुजुर्गों में तो आम बात है, लेकिन आजकल युवाओं में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है. खराब लाइफस्टाइल, डाइट, मोटापा और एक्सरसाइज की कमी इसके प्रमुख कारण हैं. घुटनों में सिनोवियल फ्लूड की कमी जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती है. यह फ्लूड हमारे घुटनों को आपस में रगड़ने से बचाता है. इसलिए जब घुटनों में ग्रीस की कमी हो जाती है, तो उनमें चरमराहट, दर्द और सूजन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं.
आयुर्वेद इसके लिए कई प्राकृतिक उपाय सुझाता है. आइए विस्तार से जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार किन जड़ी-बूटियों, तेलों और उपायों से घुटनों के ग्रीस को बढ़ाया जा सकता है.
Also Read This: सर्दियों में नहीं होगी सर्दी-जुकाम की टेंशन! अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक काढ़े और बढ़ाएं इम्यूनिटी

Knee Grease Ayurvedic Treatment
घुटनों में ग्रीस (सिनोवियल फ्लूड) की कमी के लक्षण
- घुटनों में दर्द या जकड़न
- चलने या बैठने पर चरमराहट की आवाज
- घुटनों में सूजन या गर्माहट
- लंबे समय तक बैठने के बाद खड़े होने में तकलीफ
Also Read This: बाल झड़ना रोकने का असरदार उपाय, घर पर ऐसे बनाएं आंवले का तेल
आयुर्वेदिक औषधियाँ जो ग्रीस बढ़ाने में मदद करती हैं (Knee Grease Ayurvedic Treatment)
1. अश्वगंधा: इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं. यह जोड़ों की सूजन और दर्द कम करके सिनोवियल फ्लूड के उत्पादन को बढ़ावा देता है.
सेवन विधि: 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर को गुनगुने दूध के साथ रात में लें.
2. गुग्गुल: यह जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है. “योगराज गुग्गुल” और “सिंधुवार गुग्गुल” जैसी औषधियाँ घुटनों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हैं.
3. शल्लकी: इसमें प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं. यह जोड़ों की गतिशीलता बढ़ाने में मदद करती है.
4. नारायण तेल / महानारायण तेल: घुटनों की अभ्यंग (मालिश) के लिए उपयोगी है. यह रक्त संचार बढ़ाता है और ग्रीस की कमी से होने वाले दर्द को कम करता है. रोजाना हल्के हाथों से 10–15 मिनट तक मालिश करें.
5. दशमूल: यह जड़ों का मिश्रण है जो शरीर के वात दोष को संतुलित करता है, जिससे जोड़ों की जकड़न और सूजन कम होती है.
Also Read This: बदलते मौसम का नया खतरा: सिर्फ सर्दी-जुकाम नहीं, कानों में बढ़ रहा इंफेक्शन! जानिए कैसे रखें सुरक्षा
खानपान से जुड़ी सलाह
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें – अलसी के बीज, अखरोट, मछली का तेल आदि.
- कोलेजन और जिलेटिन वाले खाद्य पदार्थ जैसे बोन सूप (हड्डी का शोरबा) लें.
- घी, तिल का तेल, मूंगफली का तेल जैसे प्राकृतिक वसा का सेवन करें.
- अत्यधिक तला-भुना और जंक फूड से बचें.
योग और एक्सरसाइज (Knee Grease Ayurvedic Treatment)
- ताड़ासन, त्रिकोणासन और मंडूकासन जैसे आसन घुटनों की लचीलापन बढ़ाते हैं.
- रोजाना हल्की वॉक या साइक्लिंग करें.
- बहुत ज़्यादा भार उठाने या अचानक बैठने-उठने वाली गतिविधियों से बचें.
Also Read This: प्रदूषण से बिगड़ रही सेहत! जानें आसान घरेलू उपाय जो देंगे राहत
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

