रायपुर। छत्तीसगढ़ ने देश में एक बार फिर रि-पोल फ्री स्टेट होने का ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है. छत्तीसगढ़ देश का इकलौता ऐसा राज्य बन गया है जहां पुनर्मतदान की स्थिति निर्मित नहीं हुई. चाहे वह विधानसभा और लोकसभा के आम निर्वाचन हो या दंतेवाड़ा व चित्रकोट का उप-निर्वाचन. सभी तरह के निर्वाचनों में प्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की है. कुशल निर्वाचन प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ पूरे देश में मॉडल के रूप में उभरा है.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के मार्गदर्शन और निगरानी में यहां सभी निर्वाचनों में मतदाता जागरूकता, सुरक्षा व्यवस्था, ई.टी.पी.बी.एस. और डाक मतपत्रों के जरिए सेवा मतदाताओं के लिए मतदान की व्यवस्था, मतदान केन्द्रों में व्हीलचेयर से लेकर पेयजल, शौचालय और प्राथमिक उपचार के इंतजाम तथा मतदान दलों को सामग्री वितरण एवं वापसी में नवाचारों के जरिए सुगम, सुघ्घर और समावेशी निर्वाचन को साकार किया गया है.

छत्तीसगढ़ देश का ऐसा इकलौता राज्य है, जहां मतदाता सूची की कोई शिकायत नही आयी. निर्वाचन के दौरान इ.व्ही.एम. लूटपाट की कोई घटना नहीं हुई. मतदान के दौरान तकनीकी रूप से सबसे कम ई.व्ही.एम. को बदलने की आवश्यकता पड़ी. कोई भी नक्सली वारदात नही हुई. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद इन क्षेत्रों में सर्वधिक मतदान हुआ. छत्तीसगढ़ में भारत निवार्चन आयोग के मार्गदशी बिन्दुओं के अनुरूप बेहतर प्रशिक्षण माॅड्यूल के चलते किसी भी रिटनिंग ऑफिसर या सहायक रिटनिंग आॅफिसर को बदलने की नौबत नही आई. मतदान दलों के निर्धारित गन्तव्य स्थलों में रवानगी के 2 घण्टें पहले प्री-पैक्ड पोलिंग मटेरियल्स सुरक्षित रखे गये, जिससे समय की बचत हुई. मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत विशेष कार्यक्रम संचालित कर थर्ड जेन्डर और दिव्यांग मतदाताओं को जागरूक किया गया. मतदाता रथ और मोबाईल वैन के माध्यम से राज्य में ई.व्ही.एम. और व्ही.व्ही. पेट का प्रदर्शन किया गया.

छत्तीसगढ़ के माओवादी हिंसा प्रभावित राज्य होने के बावजूद निर्वाचन के दौरान कहीं भी हिंसा या अप्रिय घटना की स्थिति निर्मित नहीं हुई. गहन मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों के फलस्वरूप यहां लोगों ने भारी संख्या में उत्साहपूर्वक मतदान करके लोकतंत्र के महापर्व में अपनी सक्रिय सहभागिता दी। विधानसभा निर्वाचन-2018 और लोकसभा निर्वाचन-2019 में प्रदेश के कई बूथ पर शत-प्रतिशत मतदान हुआ. नक्सल प्रभावित और दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद अभी हाल ही में 21 अक्टूबर को चित्रकोट विधानसभा उप-निर्वाचन में भी 78.12 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं पिछले महीने संपन्न दंतेवाड़ा उप-निर्वाचन में 60.59 प्रतिशत मतदान हुआ था.

गौरतलब है कि 2018-19 निर्वाचन वर्ष के रूप में रहा है. भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शी बिंदुओं को प्रभावी ढंग से अमलीजामा पहनाने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इस दौरान लगातार पूरी संवेदनशीलता के साथ हर निर्वाचन में तत्परता, सजगता, सतर्कता और गंभीरता से कार्य किया है. कुशल निर्वाचन प्रबंधन के जरिए हिंसारहित, शांतिपूर्ण, निष्पक्ष, स्वतंत्र और निर्विघ्न निर्वाचन संपन्न कराने में छत्तीसगढ़ की शानदार सफलता केस स्टडी के लिए एक नायाब मॉडल है. विभिन्न निर्वाचनों में राज्य के उपलब्धियों की चर्चा देशभर में हो रही है. विधानसभा और लोकसभा आम निर्वाचन में छत्तीसगढ़ के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हुई है. राष्ट्रपति के हाथों प्रदेश को चार-चार राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने छत्तीसगढ़ की इन उपलब्धियों का श्रेय टीम भावना से किए गए कार्य को दिया है.