पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सियासी बयानबाजी ने एक बार फिर माहौल को गरमा दिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हालिया बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। राहुल ने कहा था कि देश की 10 फीसदी आबादी यानी ऊंची जातियां सेना और बड़े संस्थानों को नियंत्रित करती हैं जबकि 90 फीसदी दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय उन संस्थानों में नहीं दिखाई देते।

राजनीतिक रंग देने की कोशिश निंदनीय

इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पटना में राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा यही पार्टियां जो सालों से जात-पात की राजनीति करती रही हैं, अब सेना को भी उस दलदल में घसीट रही हैं। यह बहुत शर्मनाक है। देश की सेना हमारे सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है। इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश निंदनीय है।

कांग्रेस की पुरानी आदत

रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अब चुनावी मुद्दों के अभाव में सेना को भी राजनीति में लाने से नहीं हिचक रहे हैं। उन्होंने कहा जो लोग विदेशों में जाकर भारत की बुराई करते हैं सेना पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं। देश की सुरक्षा से समझौता करते हैं और भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं। उन्हें तालाब भर नहीं, चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।

कमजोर करने की कोशिश

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सेना पहले से ज्यादा मजबूत और सम्मानित हुई है, लेकिन विपक्षी दल जानबूझकर झूठ फैलाकर देश की एकता को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रियंका गांधी ने किया भाई का बचाव

इस बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा अपने भाई राहुल गांधी के बचाव में उतर आईं। पश्चिम चंपारण में उन्होंने कहा मैं मोदी जी को एक सुझाव देती हूं कि वो अपमान मंत्रालय खोल लें। मेरे भाई ने सेना का अपमान नहीं किया, बल्कि देश और सैनिकों के भले की बात की है। वो निडर होकर सच्चाई बोलते हैं और देश को आईना दिखाते हैं।

बिहार में बढ़ा सियासी पारा

राहुल गांधी के बयान ने न केवल केंद्र बल्कि बिहार की सियासत में भी उबाल ला दिया है। एनडीए के नेता कांग्रेस पर लगातार हमले कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस का दावा है कि राहुल गांधी का बयान सामाजिक समानता और प्रतिनिधित्व की बात करता है, न कि सेना के खिलाफ। फिलहाल यह विवाद चुनावी प्रचार के बीच नया राजनीतिक मुद्दा बन गया है, जिस पर अब हर दल अपनी-अपनी रणनीति के तहत बयान दे रहा है।