अजमेर। रेत के धोरों और ऊंटों की कतारों के बीच आयोजित विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेला 2025 का बुधवार को भव्य समापन हुआ. समापन समारोह में परंपरा, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय मैत्री का अनूठा संगम देखने को मिला. इस अवसर पर आयोजित देसी-विदेशी महिलाओं की रस्साकशी प्रतियोगिता कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे.

देसी टीम का शानदार आगाज

पहली पारी में राजस्थान की ग्रामीण महिलाओं की टीम ने जबरदस्त शक्ति और तालमेल का प्रदर्शन किया. महज दो मिनट के भीतर देसी टीम ने विदेशी प्रतिभागियों को मात दी. जैसे ही रस्सी देसी टीम की ओर आई, पूरा मैदान तालियों और जयघोषों से गूंज उठा. ग्रामीण महिलाओं की जीत पर दर्शकों ने उत्साहपूर्वक बधाई दी और माहौल उल्लास से भर गया.

विदेशी टीम की दमदार वापसी

पहली पारी हारने के बाद भी विदेशी टीम ने हार नहीं मानी और दूसरी पारी में शानदार प्रदर्शन किया. करीब तीन मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले में विदेशी प्रतिभागियों ने जबरदस्त ताकत और टीम भावना दिखाते हुए देसी टीम को पछाड़ दिया. विदेशी टीम की इस जीत पर वहां मौजूद दर्शकों और अधिकारियों ने तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया.

संयुक्त विजेता बनी दोनों टीमें

दोनों पारियों में एक-एक जीत दर्ज होने के बाद आयोजकों ने खेल भावना को प्राथमिकता देते हुए देसी और विदेशी टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया. इसके बाद दोनों टीमों की महिलाओं ने एक-दूसरे को गले लगाकर मैत्री और फेयर प्ले का संदेश दिया.

ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरके देसी-विदेशी दर्शक

क्लोजिंग सेरेमनी के दौरान भारतीय और विदेशी नागरिकों ने एक साथ ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य कर मेले के समापन को यादगार बना दिया. यह भव्य आयोजन न केवल पशु व्यापार और धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि इसने यह भी दर्शाया कि संस्कृति और खेल की कोई सीमाएं नहीं होतीं.