रणधीर परमार, छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां महतौल गांव में एक भी मुसलमान न होने के बावजूद भी इंदौर की एक मुस्लिम महिला का जन्म प्रमाण-पत्र जारी किया गया है।

मामला सामने आने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने नौगांव जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत सचिव प्रेमचंद्र रैकवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उनकी आईडी से पिछले डेढ़ साल में बनाए गए लगभग साढ़े 1100 जन्म प्रमाण-पत्रों की जांच शुरु कर दी गई है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के भी प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं, जो जांच के बाद पता चल सकेगा। 

पिछले लंबे समय से ग्राम पंचायतों में चल रही मनमानी और लापरवाही पर अब जिला पंचायत ने निगरानी बढ़ा दी है। दरअसल, इंदौर के गीतानगर निवासी अंजुम खान का जन्म 11 फरवरी 2008 को हुआ था। लेकिन इसका जन्म प्रमाण पत्र महतौल के सचिव ने 24 सितंबर 2025 को जारी किया। जबकि नियमानुसार किसी के जन्म से एक साल के बाद उसका जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए संबंधित तहसीलदार का आदेश जरूरी होता है। 

महतौल सचिव ने इन सरकारी नियमों को दरकिनार करते हुए हजारों जन्मप्रमाण पत्र जारी कर दिए। जिसकी जानकारी लगने पर जिला पंचायत के सीईओ ने नौगांव के जनपद पंचायत के सीईओ की अगुवाई मे तीन सदस्यीय दल को जांच के आदेश दिए हैं। 

जनपद सीईओ के प्रतिवेदन और जांच की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत के सीईओ ने तत्काल प्रभाव से महतौल के सचिव प्रेमचंद्र रैकवार को निलंबित कर दिया और उनकी आईडी से पिछले डेढ़ साल में बने लगभग साढ़े 11 सौ जन्म प्रमाण पत्रों की जांच करने के आदेश जारी कर दिए।

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