कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। पिंटो पार्क स्थित सेनापति गार्डन में गेहूं बचाने के लिए रखी सल्फास गोलियों से निकली फॉस्फीन गैस ने पूरे घर को गैस चैंबर बना दिया। नमी के संपर्क में आते ही जहरीली गैस बनी और कूलर की हवा से पूरे कमरे में फैल गई। इससे 4 साल के मासूम वैभव और 15 साल की क्षमा शर्मा की दर्दनाक मौत हो गई। माता-पिता सतेंद्र शर्मा और रजनी शर्मा जयारोग्य अस्पताल के ICU में वेंटिलेटर पर जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं।

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मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव ने भिंड जिले के गोहद स्थित पवैया बीज भंडार से सल्फास खरीदी थी। गेहूं की बोरियों में कीड़े मारने के लिए 50 से ज्यादा गोलियां मिलाई गईं। घटना 2 नवंबर की रात की है, जब परिवार सो रहा था। आधी रात को सांस लेने में तकलीफ, उल्टी और चक्कर आने लगे। वैभव को पहले अस्पताल ले जाया गया, जहां 3 नवंबर को मौत हो गई। अगले दिन 4 नवंबर को क्षमा ने भी दम तोड़ दिया।

प्रशासन की सख्ती: 31 अधिकारियों की टीम गठित

दो मासूमों की मौत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। कलेक्टर रुचिका चौहान ने सल्फास की खुले आम बिक्री पर सख्ती के निर्देश दिए। 8 एसडीएम, 18 तहसीलदार और 5 उप संचालक कृषि सहित 31 अधिकारियों की टीम बनाई गई।  टीम ने तुरंत एक्शन लिया और भिंड के गोहद में पवैया बीज भंडार को सील कर दिया। यह दुकान पिछले 4 साल से बिना लाइसेंस के वैन सल्फास (खतरनाक कीटनाशक) बेच रही थी। दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। संचालक कमल सिंह फरार हो गया, उसकी तलाश जारी है।  मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।  

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डॉक्टरों की चेतावनी 

जयारोग्य अस्पताल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. मनीष गुप्ता ने बताया कि फॉस्फीन गैस सांस, दिल और दिमाग पर हमला करती है। मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है और कोई एंटीडोट नहीं है। घर में अनाज स्टोर करते समय कभी सल्फास का इस्तेमाल न करें।

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