Kaal Bhairav Jayanti 2025: 12 नवंबर, बुधवार को मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के पावन अवसर पर भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान काल भैरव की जयंती मनाई जाएगी. इस दिन विधिविधान से पूजा-अर्चना करने से भक्तों को काल, भय और तमाम दोषों से मुक्ति मिलती है. काल भैरव जयंती पर देशभर के प्रमुख भैरव मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं. इन मंदिरों में दर्शन और पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

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Kaal Bhairav Jayanti 2025
Kaal Bhairav Jayanti 2025

इन मंदिरों में पूजा का विशेष महत्व

काल भैरव जयंती के दिन देश के कुछ प्रमुख मंदिरों में दर्शन मात्र से ही सभी संकट दूर हो जाते हैं. इनमें प्रमुख हैं:

  • श्री काल भैरव मंदिर, काशी (वाराणसी), उत्तर प्रदेश – इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है. मान्यता है कि इनके दर्शन के बिना बाबा विश्वनाथ की यात्रा अधूरी मानी जाती है.
  • श्री काल भैरव मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश – यह अष्ट भैरवों में प्रमुख है. यहां भगवान भैरव को प्रसाद में मदिरा (शराब) अर्पित की जाती है, जो भक्तों के बीच श्रद्धा और कौतूहल का विषय है.
  • बटुक भैरव मंदिर, नई दिल्ली – यह पांडवकालीन मंदिर है. बटुक भैरव भगवान शिव का बाल स्वरूप माने जाते हैं. इनकी पूजा से सभी आपदाओं और भय का नाश होता है.
  • घोड़ाखाल बटुक भैरव मंदिर, नैनीताल, उत्तराखंड – स्थानीय रूप से इन्हें गोलू देवता कहा जाता है. भक्त मन्नत पूरी होने पर यहां घंटियाँ दान करते हैं.
  • किलकारी भैरव मंदिर, पुराना किला, नई दिल्ली – यह ऐतिहासिक महत्व वाला मंदिर भक्तों के बीच अत्यधिक प्रसिद्ध है.

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काल भैरव पूजा से दूर होते हैं ये दोष और संकट (Kaal Bhairav Jayanti 2025)

भगवान काल भैरव को ‘दंडनायक’ और ‘भय का हरण करने वाला’ कहा जाता है. जयंती के दिन उनकी विशेष पूजा से भक्तों के जीवन से अनेक दोष और संकट दूर होते हैं.

  • भय और शत्रु बाधा: काल भैरव की आराधना से व्यक्ति हर प्रकार के भय (काल भय, अकाल मृत्यु का भय) से मुक्त होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है.
  • ग्रह दोष निवारण: राहु, केतु या शनि से पीड़ित जातकों के लिए भैरव जयंती पर पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इससे ग्रहों का अशुभ प्रभाव शांत होता है.
  • नकारात्मक शक्तियों का नाश: भैरव बाबा की उपासना से भूत-प्रेत बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है.
  • कालसर्प दोष: भगवान भैरव को नींबू की माला अर्पित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है.
  • धन और कष्ट निवारण: सरसों के तेल का दीपक जलाने और काले कुत्ते को मीठी रोटियाँ खिलाने से धन हानि रुकती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं.

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