रायपुर। 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया तब निश्चित ही एक नए इतिहास की शुरुआत हुई थी मगर राज्य बनने के 25 वर्ष पूरे होने पर “रजत जयंती वर्ष” के अवसर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपलब्धियों के साथ राज्योत्सव की चमक और बढ़ गई है। इस महान उत्सव में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रथम – अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।


राज्योत्सव का स्वरूप और प्रधानमंत्री की उपस्थिति

राज्य स्थापना दिवस (1 नवंबर) के अवसर पर उपस्थित होकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नव-आधारित योजनाओं, हाई-प्रोफाइल परियोजनाओं का उद्घाटन एवं प्रांरभ किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे एक “स्वर्णिम दिवस” कहा, जिसमें छत्तीसगढ़ को नयी गति देने का प्रण लिया गया। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के साथ ही साथ ‘दिल की बात’ कार्यक्रम में उन दो हजार पाँच सौ बच्चों से मुलाकात की जिन्होंने नि:शुल्क हृदय शल्य चिकित्सा कराई थी। नए विधानसभा भवन का उद्घाटन एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण। देश का प्रथम डिजिटल आदिवासी संग्रहालय – शहीद वीर नारायण सिंह मेमोरियल एंड ट्राइबल फ्रीडम फाइटर्स म्यूजियम का उद्धाटन किया और लगभग ₹14,260 करोड़ मूल्य की विकास परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई।

आकर्षक रहा राज्योत्सव

नवीन राजधानी नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के अवसर पर 5 नवम्बर 2025 को भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध सूर्यकिरण एयरोबैटिक टीम ने रोमांचक हवाई करतबों का प्रदर्शन किया। सुबह 10 बजे से 12 बजे तक सेंध झील के ऊपर प्रदर्शन करते हुए लाल-हॉक विमानोंने ‘बॉम्ब बर्स्ट’, ‘हार्ट-इन-द-स्काई’ और जटिल फॉर्मेशन प्रदर्शित किए, जिनसे दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए। वायु सेनानी कलाकारों की सटीकता, इंजनों की गर्जना और रंगीन धुएँ की लकीरों ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया। राज्योत्सव में यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय गर्व और युवा उत्साह बढ़ाने वाली रही।महोत्सव में छत्तीसगढ़ की मिट्टी की महक लिए लोक कला और संस्कृति के मूर्धन्य कलाकारों को मंच पर प्रमुखता दी गई जिसमें विशेष रूप से पद्मश्री से सम्मानित कलाकारों की प्रस्तुति को स्थान दिया गया।

छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपलब्धियां

छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य, बोनस एवं अन्य उपायों से लाभान्वित कर राज्य को सशक्त किया है। महिला-सशक्तिकरण एवं सामाजिक कल्याण के तहत साय सरकार ने ‘महतारी वंदन योजना’ जैसे कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को प्रति माह नियमित रूप से निश्चित राशि देकर समाज में उनकी भागीदारी बढ़ाने का काम किया है। आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों के विकास के तहत नक्सल प्रभावित-इलाकों में विकास, स्वास्थ्य-शिक्षा-सड़कें-बस सेवा में उल्लेखनीय सुधार किया। संस्कृति-परम्परा के संरक्षण की दिशा में भी राज्य की साय सरकार अव्वल रही।

छत्तीसगढ़ी आदिवासी-लोक संस्कृति को सम्मान-प्रोत्साहन देना और प्रदेश की पहचान मजबूत करना मुख्यमंत्री के एजेंडा में रहा है।प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य की बीते 25-वर्षों की यात्रा को एक नई ऊर्जा का प्रतीक कहा और भविष्य में तेज़ी से विकास के मार्ग पर राज्य को ले जाने का संकल्प दोहराया। छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में प्रदेश सरकार के द्वारा नवा रायपुर-अटल नगर में नए विधायक भवन का उद्घाटन किया गया जो ‘ग्रीन बिल्डिंग’ कॉन्सेप्ट पर आधारित है जिसमें सौर ऊर्जा एवं वर्षा जल संचयन की व्यवस्था है। प्रदेश की बुनियादी ढाँचे में निवेश को बढ़ावा दिया गया जिसके तहत राज्य में सड़क-हाईवे सम्बन्धी योजनाओं पर भारी निवेश किया गया और फ़ोर-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे प्रारंभ किया गया। ऊर्जा एवं पेट्रोलियम क्षेत्रों में सुधार करते हुए राज्य में पेट्रोलियम तेल डिपो का उद्घाटन और कृषि-ग्रामीण इलाकों में बिजली-वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने की पहल की गई।

संस्कृति-विरासत को प्रकाश में लाते हुए मुख्यमंत्री ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में डिजिटल संग्रहालय की शुरुआत की और राज्य की पहचान को पुनर्स्थापित करने का काम किया।राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ ने अनेक चुनौतियों का सामना किया — नक्सलवाद, पिछड़ा होना, संसाधनों का समुचित उपयोग न हो पाना। इस रजत वर्ष पर यह स्पष्ट संदेश है कि अब इन चुनौतियों को अवसर में बदलने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री और राज्य की डबल इंजन सरकार-द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं, बड़े पैमाने पर घोषणाएँ इस बात का संकेत हैं कि छत्तीसगढ़ अब ‘विकास-गति’ में तेजी लगाने को तैयार है।मुख्यमंत्री साय ने किसानों, महिलाओं, आदिवासियों सहित सभी वर्गों को विकास की धारा में शामिल करने की दिशा में विशेष प्रयास किया है, जिससे सामाजिक समावेशिता का संदेश भी मजबूत हो रहा है।
 इस वर्ष का उत्सव सिर्फ समारोह नहीं, बल्कि एक शुरुआत है — नए अध्याय की, जिसमें छत्तीसगढ़ ‘आधुनिक, समृद्ध और आत्म-निर्भर’ राज्य के रूप में आगे बढ़ने का संकल्प ले रहा है।

साय सरकार की भावी योजनाएं

25वें वर्ष (रजत जयंती वर्ष) में छत्तीसगढ़ ने अपनी यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव पार किया है। यह समय है आनन्द, उत्सव का और यह समय है आत्म-विश्लेषण का, संकल्प का और लक्ष्य निर्धारित करने का। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विकास-समावेश-संस्कृति के समन्वय को अपनी कार्रवाई का केंद्र बनाया है, जो अत्यंत स्वागत योग्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और बड़ी घोषणाएं इस बात का संकेत हैं कि अब अवसर की खिड़ियां खुल रही हैं।

छत्तीसगढ़वासियों को यह अवसर है कि हम इस उत्सव को सिर्फ आयोजन तक न सीमित रखें बल्कि इसे प्रदेश की साय सरकार के दिशा निर्देश और नेतृत्व में होने वाले वृहद् परिवर्तन के रूप में लें। इस परिवर्तन से राज्य के किसानों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण-शहरी सभी नागरिकों को विकास की मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है। इस राज्योत्सव के साथ-साथ अगले 25 वर्ष के लिए छत्तीसगढ़ का विजन तैयार किया जा रहा है जो होगा “समृद्ध छत्तीसगढ़, सशक्त छत्तीसगढ़, खुशहाल छत्तीसगढ़”।
जय छत्तीसगढ़! जय छत्तीसगढ़ महातारी!