पटना | बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए मेवाणी ने कहा कि अगर मतदाता सूची से लाखों नाम गायब हैं, तो यह लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कल को ‘न्यूक्लियर बॉम्ब’ भी आ सकता है, लेकिन सवाल यह है कि 3.5 लाख मतदाताओं के नाम आखिर डिलीट कैसे हो गए? क्या यह किसी साजिश का हिस्सा है? चुनाव आयोग को इस पर तुरंत जवाब देना चाहिए।

संविधान और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़

मेवाणी ने अपने बयान में कहा कि मतदाता सूची से नाम हटाना केवल तकनीकी गलती नहीं, बल्कि लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने कहा हमारे देश के शहीदों ने जिस लोकतंत्र के लिए अपनी जान दी, आज उसी लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह हमारे संविधान के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि चुनाव आयोग निष्पक्ष है, तो वह इस मामले की पारदर्शी जांच करवाने से क्यों डर रहा है। दूध का दूध और पानी का पानी करने में आयोग को क्या दिक्कत है?

राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस का रुख कड़ा

राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार में आरोप लगाया था कि वोट चोरी की घटनाएं कई सीटों पर सामने आ रही हैं और विपक्षी मतदाताओं के नाम व्यवस्थित तरीके से सूची से हटाए गए हैं। मेवाणी ने उनके इस बयान का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी का मुद्दा सिर्फ कांग्रेस का नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र का है। उन्होंने कहा कि अगर मतदाताओं के अधिकार छीने जा रहे हैं तो यह हर नागरिक की चिंता का विषय होना चाहिए।

जनता से की अपील – लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी सबकी

अंत में जिग्नेश मेवाणी ने जनता से अपील की कि वे मतदान के अधिकार को लेकर सजग रहें और यदि किसी का नाम मतदाता सूची से गायब हो तो आवाज उठाएं। उन्होंने कहा लोकतंत्र की रक्षा केवल नेताओं की नहीं, जनता की भी जिम्मेदारी है। अगर अब नहीं जागे तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।