गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने रविवार को आएसआईएस तीन आतंकियों को धर दबोचा था. ये आतंकी गुजरात में हथियार के आदान प्रदान के लिए गुजरात पहुंचे थे. एटीएस ने बताया कि गिरफ्तार की पहचान डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद (हैदराबाद का रहने वाला), आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल (दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले) के रूप में हुई. एटीएस के मुताबिक तीनों लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद में कई संवेदनशील स्थानों की रेकी की थी. सोमवार को पूछताछ में पता चला कि इनके निशाने पर लखनऊ का आरएसएस ऑफिस और दिल्ली की आजादपुर मंडी थी.

गुजरात ATS के सूत्रों ने सोमवार को दावा किया कि रविवार को गिरफ्तार ISIS आतंकी के भारत में बड़े स्तर पर दहशत फैलाने के फिराक में थे. उनके निशाने पर लखनऊ RSS दफ्तर था. यहां एक बड़े आतंकी हमले की तैयारी थी. तीनों का दिल्ली के आजदपुर मंडी में बड़ी तबाही मचाने का भी प्लान था. एटीएस आगे बताया कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले दोनों आतंकियों ने लखनऊ आरएसएस दफ्तर की रेकी की थी. दोनों आतंकियों ने दिल्ली के आजादपुर मंडी की भी रेकी की थी.

एक साल की निगरानी का नतीजा

एटीएस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) सुनील जोशी ने रविवार को अहमदाबाद में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह कार्रवाई एक साल से चली आ रही खुफिया निगरानी का परिणाम है. 7 नवंबर को एटीएस की टीम ने अहमदाबाद-मेहसाणा हाईवे पर आदलज टोल प्लाजा के पास एक सिल्वर फोर्ड फिगो कार को रोका. कार में सवार मुख्य आरोपी डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद (35 वर्ष, हैदराबाद निवासी) को गिरफ्तार किया गया. सैयद ने चीन से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है और वह कथित रूप से उच्च शिक्षित लेकिन आतंकी विचारधारा से प्रभावित था.

इनके पास से क्या-क्या मिला?

ATS डीआईजी ने बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपियों में आंध्र प्रदेश का डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन सईद (35), जिसने चीन से एमबीबीएस का डिग्री हासिल किया था. बाकि के दो यूपी के रहने वाले हैं. आजाद सुलैमान शेख, उम्र 20 साल शामली का रहने वाला है और मोहम्मद सुहेल सलीम खान, उम्र 23 साल लखीमपुर खीरी का रहने वाला है. इनके पास से दो ग्लॉक पिस्टल, बेरेटा पिस्टल, 30 राउंड कारतूस और कास्टर ऑयल (रिसिन बनाने के लिए) बरामद हुआ.

क्या है रिसिन

ये रिसिन बहुत ही घातक जहर माना जाता है. एटीएस का मानना है कि वे रासायनिक हमला करने वाले थे. सईद ने चीन में मेडिकल डिग्री ली थी और रिसिन प्रोडक्शन की कोशिश कर रहा था. एटीएस ने बताया कि यूपी के रहने वाले दोनों संदिग्धों ने राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार जुगाड़े थे. उन्होंने लखनऊ में RSS दफ्तर, दिल्ली आजादपुर मंडी, अहमदाबाद के धार्मिक स्थलों की भीड़-सुरक्षा की जांच की. कश्मीर में भी उनकी गतिविधियां मिलीं.

आईएसकेपी के निर्देश पर कर रहे थे काम

ATS ने कहा, ‘ये इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के निर्देश पर काम कर रहे थे. हमला मॉडल कश्मीर जैसा था. मतलब कि IED ब्लास्ट, पिस्टल से हमला करने की साजिश थी. तीनों पर UAPA, आर्म्स एक्ट और BNS की धाराएं लगाई गई हैं.

टेलीग्राम चैट और पाकिस्तानी हैंडलर

प्रारंभिक पूछताछ में सैयद ने खुलासा किया कि वह अफगानिस्तान स्थित आईएसकेपी के एक हैंडलर ‘अबू खादिजा’ के संपर्क में था. यह संपर्क टेलीग्राम ऐप के माध्यम से हो रहा था, जहां अबू खादिजा ने उसे हथियारों की आपूर्ति, फंडिंग और भर्ती के निर्देश दिए थे. सैयद ने कथित रूप से पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से ड्रोन के जरिए भेजे गए हथियारों को कलोल (गुजरात) के एक कब्रिस्तान से ‘डेड ड्रॉप’ (गुप्त स्थान) पर प्राप्त किया था. इसके अलावा उसके कई पाकिस्तानी नागरिकों से संपर्क थे, जो आईएसकेपी के नेटवर्क से जुड़े होने का संकेत देते हैं.

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