रांची. झारखंड में सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर ने पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे दो मरीजों को प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के लिए लिख दिया. झारखंड के एक सरकारी डॉक्टर का ये अजीबोगरीब कारनामा बीते एक अक्टूबर का है. इसके बाद मामले की शिकायत सीनियर अधिकारियों तक पहुंची और मीडिया की सुर्खियों में छा गया.
एक सरकारी डॉक्टर ने चतरा जिले के दो युवकों को पेट दर्द की शिकायत होने पर प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के लिए कहा. सरकारी अस्पताल के डॉक्टर मुकेश कुमार ने दोनों युवकों 22 साल के गोपाल गंझू और 26 साल के कामेश्वर जानू को प्रेग्नेंसी टेस्ट के अलावा एचआईवी और हीमोग्लोबिन टेस्ट कराने को भी पर्चे में लिखा. जब गोपाल और कामेश्वर अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में पहुंचे, तो यहां का डॉक्टर उनके पर्चे देखकर हैरान रह गया और उन्हें बताया कि एएनसी महिलाओं की प्रेग्नेंसी को टेस्ट करने के लिए किया जाता है. इस वाकये के बाद जब दोनों युवक अपने गांव पहुंचे तो उन्हें गांव के अपने साथियों के ये बात बताई, इसके बाद इस वाकये की खबर चारो ओर फैल गई.
छुट्टी लिए पुलिसकर्मी खा रहे छठी मैया की कसम, कह रहे झूठ बोल रहे हो तो बच्चे पर घोर विपत्ति आ जाए
डॉक्टर के इस कारनामें के बाद दोनों युवकों ने डॉक्टर के खिलाफ चतरा जिले के सिविल सर्जन अरुण कुमार पासवान से शिकायत की है. इस बारे में पासवान ने मीडियाकर्मियों से कहा, “मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.” वहीं, डॉक्टर मुकेश कुमार ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि यह सच्चाई नहीं है. यह मुझे बदनाम करने की कोशिश है. डॉ. कुमार ने कहा कि ये टेस्ट ओवर राइटिंग करके लिखे जा सकते हैं.
बता दें कि कुछ ऐसा ही अजीबो-गरीब मामला जुलाई में सिहभूम जिले में भी देखने को मिला था, जब एक डॉक्टर ने पेट दर्द की शिकायत पर एक महिला को कॉन्डम का प्रयोग करने के लिए लिखा था. जब महिला दवा लेने मेडिकल स्टोर गई तब उसे पता चला कि डॉक्टर ने जो दवा लिखी है वह कॉन्डम है.