CG News: रायपुर. छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम (पापुनि) ने आगामी शिक्षा सत्र में बच्चों को समय से पहले पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी है. कागज खरीदी और प्रिटिंग के लिए टेंडर एक-दो दिनों में जारी कर दिया जाएगा. निगम के अध्यक्ष राजा पाण्डेय ने दो टूक कहा है कि प्रिटिंग और सप्लाई में किसी भी तरह की गड़बड़ी मिली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. तय समय पर कागज सप्लाई नहीं करने की वजह से ही दो फर्मों पर क्रमशः 30 और 80 लाख रूपए का पेनाल्टी लगाया गया है. दोनों फर्मों को ब्लैकलिस्टेड करने की भी तैयारी चल रही है. कार्रवाई के पहले निगम द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. पापुनि के अध्यक्ष के मुताबिक वर्तमान कार्यकारिणी द्वारा आगामी सत्र हेतु पाठ्य पुस्तक मुद्रण के संबंध में पूर्व सत्र की प्रणाली को ही अन्य राज्यों के समान लागू करने का निर्णय लिया गया अर्थात निगम द्वारा ही कागज की खरीदी कर प्रिंटरों के माध्यम से पाठ्य पुस्तकें मुद्रित कराई जाएगी.

यही व्यवस्था गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश पांडुचेरी, असम में भी है. उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकों के लिए कागज, प्रिटिंग एवं सप्लाई में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आगामी सत्र में कागज की गुणवत्ता में और अधिक सुधार किए जाने हेतु मापदंडों में परिवर्तन किए गए हैं. निर्धारित अवधि से देरी में कागज प्रदाय करने पर पेनाल्टी में 1 प्रतिशत प्रति दिन बढ़ोत्तरी का निर्णय लिया गया. इस वर्ष समय पर कागज की सप्लाई नहीं करने वाली दो फर्मों ओरिएंट एवं श्रेयांस पर क्रमशः 80 लाख और 30 लाख रूपए की पेनाल्टी लगाई है. दोनों फर्मों को नोटिस जारी किया जा रहा है. जवाब संतोषजनक नहीं होने पर 5 साल के लिए ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा. श्री पाण्डेय ने कहा कि आगामी शिक्षा सत्र के लिए तैयारियां इसी माह से प्रारंभ कर दी गई है. एससीईआरटी को कक्षावार विषयों की सीडी पापुनि को 15 दिसंबर तक देने कहा गया है. उन्होंने कहा कि आगामी शिक्षा सत्र में स्कूल खुलने के 10 दिन पहले किताबें स्कूलों और संकुलों में पहुंच जाएंगी. सुरक्षा और पारदर्शिता के मद्देनजर सभी डिपो में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. अगले साल लगभग 8 नए डिपो भी बनाए जाएंगे.
कम दर पर कागज खरीदी से 24 करोड़ रुपए की बचत
जानकारी के मुताबिक इस वर्ष जैम पोर्टल के माध्यम से कागज की खरीदी करने पर 20 रूपए कम दर प्राप्त हुई. इस बार 78 रूपए किलो प्रति मीटन की दर से कागज की खरीदी गई जबकि पिछले सत्र में यही कागज 98 रूपए प्रति मीटन पर क्रय की गई थी. इस सत्र में 12000 मीटन कागज निगम द्वारा खरीदे जाने से शासन को लगभग 24 करोड़ रूपए की बचत हुई.
यूडाइस कोड के आधार पर ही पुस्तक सप्लाई
सूत्रों के मुताबिक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा यू डाइस कोड के आधार उपलब्ध कराई गई दर्ज संख्या के आधार पर की पाठ्य पुस्तकों की छपाई कराई गई. शासन से प्राप्त संख्या 2.41 करोड़ किताबें मुद्रण कर उसका वितरण किया गया इसके पश्चात पुनः 23 लाख पाठ्य पुस्तकें मुद्रित कराई गई. इस प्रकार इस वर्ष 2.64 करोड़ पाठ्य पुस्तकें निगम द्वारा मुद्रित की गई. जो पिछले साल की तुलना में लगभग 20 लाख कम पुस्तकें मुद्रित की गई. जिनकी लागत अनुसार लगभग 10 करोड़ रूपए की बचत हुई.

