टुकेश्वर लोधी, आरंग। प्रदेश में 15 नवंबर से धान खरीदी की आधिकारिक शुरुआत होने जा रही है. सरकार का दावा है कि सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल के बावजूद अन्य विभागों से स्टाफ की व्यवस्था कर ली गई है और किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी. लेकिन आरंग क्षेत्र के सबसे बड़े धान उपार्जन केंद्र की स्थिति इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.

कृषि उपज मंडी आरंग, जहां हर वर्ष बड़े पैमाने पर धान खरीदी होती है, इस समय अव्यवस्थाओं से घिरी हुई है. धान रखने के लिए बनाए जा रहे प्लेटफार्म और शेड का निर्माण अधूरा है. लगभग 19 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाले एक प्लेटफार्म का शेड अभी तक पूरा नहीं हुआ है. वहीं 85 लाख रुपए की लागत से निर्माणाधीन दूसरे प्लेटफार्म पर केवल कॉलम खड़े हुए हैं, शेड का काम शुरू नहीं हो पाया है.

पिछले दिनों बेमौसम बारिश से किसान पहले ही प्रभावित हैं, और यदि आने वाले दिनों में फिर बारिश होती है तो निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण धान खरीदी बाधित हो सकती है. जिस प्लेटफार्म से खरीदी शुरू होनी है, उसकी सफाई तक पूरी नहीं हो पाई है.

आरंग में 1560 पंजीकृत किसान हैं और करीब 82,000 क्विंटल धान की खरीदी इस वर्ष 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होने वाली है. क्षेत्र में धान कटाई तेजी से चल रही है, और किसान ऑनलाइन टोकन भी ले रहे हैं. खरीदी शुरू होने के एक सप्ताह बाद उपार्जन केंद्रों में भीड़ बढ़नी तय है.

ऐसे में यदि व्यवस्थाएं जल्द दुरुस्त नहीं की गईं, तो आरंग का धान उपार्जन केंद्र खरीदी सीजन के पहले ही दिन बड़ी परेशानियों का सामना कर सकता है.
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