जूते सिर्फ फैशन की चीज नहीं होते, बल्कि पैरों की सेहत और शरीर के संतुलन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. गलत फिटिंग वाले या फैशन के नाम पर बनाए गए असुविधाजनक जूते कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकते हैं. और कई लोग फैशन के चक्कर में ऐसे जूते पहन भी लेते हैं, पर ये नहीं जानते की बाद में इसके कितने ग़लत परिणाम हो सकते हैं. तो आज हम आपको यहाँ कुछ ज़रूरी बाते बतायेंगे जो आपको जूते ख़रीदते समय जरूर ध्यान रखनी चाहिए.

सही जूते क्यों जरूरी हैं?

चोट से बचाव-बाहर चलते समय सही जूते पैर को पत्थर, कील या ऊबड़-खाबड़ सतहों से बचाते हैं.

आरामदायक चाल-फिटिंग वाले जूते चलने में सहजता देते हैं, जिससे पैरों और टांगों में कम थकान होती है.

गलत जूते पहनने के नुकसान

ब्लड सर्कुलेशन में कमी

बहुत टाइट जूते पहनने से पैरों में रक्तप्रवाह कम हो सकता है, जिससे सुन्नपन, झनझनाहट या दर्द होता है.

फुट पेन और ब्लिस्टर्स

गलत साइज या कठोर सामग्री वाले जूतों से छाले, कॉर्न, फुट आर्च में दर्द जैसी समस्याएँ आम हैं.

पोश्चर पर असर

गलत जूते कमर, घुटनों और टखनों पर भी असर डालते हैं, जिससे लंबे समय में बॉडी पोश्चर खराब हो सकता है.

फैशन बनाम स्वास्थ्य

आज के समय में कई लोग फैशनेबल लेकिन असुविधाजनक जूते पहनते हैं—जैसे बहुत ऊँची हील, ज्यादा नुकीले फ्रंट वाले जूते, या बहुत फ्लैट सोल वाले फुटवेयर. ये देखने में सुंदर तो लगते हैं, लेकिन पैरों की हड्डियों और मांसपेशियों पर असर डालते हैं.

सही जूते कैसे चुनें?

सही साइज-जूते न ज्यादा टाइट हों, न ढीले.

कुशनिंग-एड़ी और तलवे में उचित सपोर्ट हो.

सांस लेने वाली सामग्री-जिससे पसीना कम हो और संक्रमण का खतरा घटे.

उपयोग के अनुसार-रनिंग शूज़, वॉकिंग शूज़, ऑफिस शूज़—हर काम के लिए अलग प्रकार के जूते आदर्श होते हैं.

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