Chief Secretary of Rajasthan: राजस्थान को नया मुख्य सचिव मिल गया है। वरिष्ठ IAS अधिकारी वी. श्रीनिवास को राज्य सरकार ने मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त करने का फैसला लिया, जिसके लिए केंद्र सरकार ने औपचारिक मंजूरी दे दी। अप्वाइंटमेंट्स कमेटी ऑफ द कैबिनेट ने शुक्रवार को जारी आदेश में उनके राजस्थान कैडर में रिपैट्रिएशन को स्वीकृति दी।

वर्तमान में श्रीनिवास प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग तथा पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर विभाग में सचिव थे। अब उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से मुक्त कर राज्य में नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। राजस्थान लौटने के बाद कार्मिक विभाग (DOP) मुख्य सचिव पद पर उनकी नियुक्ति के आदेश जारी करेगा।

22 साल की उम्र में बने IAS

श्रीनिवास ने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक किया। इसके बाद 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने IAS परीक्षा पास की। तीन दशकों के करियर में उन्होंने राजस्थान और केंद्र सरकार के कई अहम विभागों में काम किया।

वे विदेश मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय में प्रमुख जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। दिल्ली AIIMS में डिप्टी डायरेक्टर रहते हुए उन्हाेंने डिजिटल AIIMS परियोजना शुरू की, जिसके तहत ई-हॉस्पिटल सिस्टम लागू हुआ। इस बदलाव ने मरीजों की परेशानी कम की और अस्पताल प्रबंधन को पूरी तरह डिजिटल मोड में बदल दिया। बाद में यह मॉडल देशभर में अपनाया गया।

राज्य प्रशासन में गहरी पकड़

मुख्य सचिव के तौर पर श्रीनिवास से उम्मीद है कि वे राजस्थान में प्रशासनिक दक्षता और तकनीक आधारित शासन को नई दिशा देंगे। उन्हें राज्य तंत्र की गहरी समझ के साथ अंतरराष्ट्रीय नीति निर्माण और डिजिटल गवर्नेंस का व्यापक अनुभव है।

हाल ही में वे इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव साइंसेज (IIAS) के अध्यक्ष चुने गए हैं। किसी भारतीय को पहली बार इस अंतरराष्ट्रीय संस्था की कमान मिली है। जून में ब्रुसेल्स में हुए चुनाव में उन्होंने 141 में से 87 वोट हासिल किए और 2025-28 के लिए अध्यक्ष चुने गए। यह जीत भारतीय प्रशासनिक सेवा की वैश्विक विश्वसनीयता का संकेत मानी गई।

तेलंगाना में हुआ जन्म

वी. श्रीनिवास का जन्म 1 सितंबर 1966 को तेलंगाना में हुआ था (तब आंध्र प्रदेश का हिस्सा)। उनके पिता नेशनल मलेरिया इरैडिकेशन प्रोग्राम से जुड़े एंटोमोलॉजिस्ट थे। इसी कारण परिवार अरावू वैली के मलेरिया प्रभावित क्षेत्र में रहा, जहां श्रीनिवास का बचपन गुजरा।

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