डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन कुछ चिकित्सक अपने कृत्यों से इस सम्मान को कलंकित भी कर देते हैं। ऐसा ही मामला डॉक्टर शाहीन शाहिद का है, जिन्हें हाल ही में फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली ब्लास्ट से ठीक एक दिन पहले उजागर हुए आतंकी मॉड्यूल की जांच में उनके नाम का खुलासा हुआ था, जिसके तार कथित रूप से लाल किला विस्फोट से भी जुड़े बताए जा रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) ने भी डॉक्टर शाहीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कदम उठाए हैं।
कॉलेज प्रशासन ने फार्माकोलॉजी विभाग के बोर्ड से डॉक्टर शाहीन शाहिद का नाम शुक्रवार को हटा दिया। वर्षों से विभागीय बोर्ड पर अंकित यह नाम अब पूरी तरह मिटा दिया गया है। कॉलेज सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस और एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की संयुक्त जांच में सामने आए तथ्यों को देखते हुए यह कदम उठाया गया। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई कॉलेज की छवि को किसी भी संदिग्ध संदर्भ से बचाने के उद्देश्य से की गई है। आदेश के बाद तत्काल प्रभाव से बोर्ड में संशोधन कर डॉ. शाहीन का नाम हटाया गया, ताकि कोई गलत पहचान या लिंक न बने।
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को एटीएस और क्राइम ब्रांच की टीमें पूरे दिन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कैंपस में सक्रिय रहीं। जांच एजेंसियों ने फार्माकोलॉजी विभाग के साथ ही कार्डियोलॉजी यूनिट और अन्य संबंधित विभागों में गहन पड़ताल की। टीमों ने विभागीय रिकॉर्ड, पुरानी फाइलें, छात्र डेटा, एंट्री रजिस्टर, फैकल्टी डॉसियर और स्टूडेंट फाइलों की बारीकी से जांच की। जांच के दौरान कई दस्तावेजों की कॉपियां तैयार की गईं, जबकि कुछ पुराने रजिस्टरों को आगे की कार्रवाई के लिए जब्त कर लिया गया।
घंटों तक चला छात्रावास में तलाशी अभियान
सूत्रों के मुताबिक, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में भी कई घंटों तक तलाशी अभियान चलाया गया। जांच टीमों ने विभिन्न बैचों के छात्रों की सूची तैयार की और सुरक्षा कारणों से पुराने हॉस्टल रिकॉर्ड खंगाले। हॉस्टल रजिस्टरों में दर्ज एंट्रीज को बारीकी से जांचा गया। कॉलेज प्रशासन ने जांच एजेंसियों को पूरी तरह सहयोग दिया और सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए।
कैंपस में पूरे दिन जांच को लेकर चर्चा बनी रही। छात्रों और फैकल्टी सदस्यों के बीच हैरानी और चिंता का माहौल रहा, जबकि बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था और जांच टीमों की लगातार मौजूदगी ने छात्रों में बेचैनी भी बढ़ाई। हालांकि प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह केवल रूटीन जांच का हिस्सा है और संस्थान हर स्तर पर जांच में सहयोग कर रहा है।
दोबारा कैंपस का दौरा किया जा सकता है
जांच एजेंसियां अब जब्त दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही हैं और सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में टीमें दोबारा कैंपस का दौरा भी कर सकती हैं। कॉलेज प्रशासन के लिए डॉ. शाहीन का नाम विभागीय बोर्ड से हटाना उसकी सतर्कता और शून्य-सहिष्णुता नीति का प्रतीक है, जिसके तहत किसी भी संदिग्ध लिंक को बेहद गंभीरता से परखा जा रहा है।
कॉलेज सूत्रों का कहना है कि यह कदम न केवल संस्थान की छवि को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि किसी तरह की गलत पहचान या अवांछित संबद्धता न बने। दूसरे शब्दों में, इस गंभीर और कायरतापूर्ण अपराध में नाम सामने आने के बाद डॉ. शाहीन का नाम कॉलेज रिकॉर्ड से हमेशा के लिए हटा दिया गया, और उनका अस्तित्व संस्थान से औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है।
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