Utpanna Ekadashi Puja Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की उत्पन्ना एकादशी आज पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मुर दानव का वध कर धर्म की स्थापना की थी. यह एकादशी व्रत मनुष्य को पापों से मुक्त करने वाली और इच्छाओं को पूर्ण करने वाली मानी जाती है. दिनभर व्रत, ध्यान, कथा-श्रवण और शाम को भगवान विष्णु की विशेष पूजा का अत्यंत शुभ फल बताया गया है.

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पूजा का शुभ मुहूर्त

आज उत्पन्ना एकादशी की पूजा दोपहर बाद करना अत्यंत शुभ माना गया है. शुभ पूजा काल: दोपहर 1:12 बजे से शाम 4:36 बजे तक. इस अवधि में भगवान विष्णु की पूजा करने पर व्रतकर्ता को विशेष पुण्य प्राप्त होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि (Utpanna Ekadashi Puja Muhurat)

  • शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु को तिल, चंदन, तुलसी-दल, गाय का घी, धूप-दीप अर्पित करें.
  • पीले फूल, केले और तुलसीपत्र अवश्य चढ़ाएं.
  • भगवान विष्णु की कथा सुनें और 11 तुलसी पत्तों से अर्चना करें.
  • शाम को आरती के बाद दान-पुण्य करना शुभ माना गया है.

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उत्पन्ना एकादशी मंत्र

पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप करने से विशेष फल मिलता है.

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
या
ॐ विष्णवे नमः

इन मंत्रों का 108 बार जप मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है.

आज के दिन किए जाने वाले उपाय (Utpanna Ekadashi Puja Muhurat)

  • गरीबों को पीला भोजन (खिचड़ी, हलवा आदि) दान करने से धनलाभ होता है.
  • लक्ष्मी प्राप्ति के लिए दीपक में केसर की एक बूंद मिलाकर भगवान विष्णु के सामने जलाएं.
  • घर में शांति और सौभाग्य के लिए तुलसी पर जल चढ़ाकर 11 बार परिक्रमा करें.
  • व्यापार में रुकावट दूर करने के लिए पीली वस्तु का दान अत्यंत लाभकारी माना गया है.

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