Oil Buying on Saturday Rule: परंपराओं और ज्योतिषीय मान्यताओं में शनिवार का दिन शनि देव की उपासना के लिए बेहद खास माना गया है. इसी वजह से पुराने ग्रंथों में शनिवार को तेल, खासकर सरसों और तिल का तेल खरीदने की मनाही बताई गई है. मान्यता है कि इस दिन तेल खरीदना न सिर्फ अशुभ प्रभाव लाता है, बल्कि जीवन में अचानक आने वाली बाधाओं और आर्थिक परेशानियों को भी बढ़ा सकता है.
Also Read This: उत्पन्ना एकादशी आज: दोपहर बाद का शुभ मुहूर्त, जानें पूजन विधि, मंत्र और उपाय

क्यों नहीं खरीदना चाहिए तेल?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि का संबंध तिल और सरसों के तेल से माना जाता है. ऐसा विश्वास है कि शनिवार को तेल खरीदने से शनि के नकारात्मक प्रभाव बढ़ते हैं और व्यक्ति के जीवन में संघर्ष अधिक होने लगते हैं. इसी कारण इस दिन तेल खरीदने के बजाय दान करने की परंपरा अधिक प्रचलित है. माना जाता है कि तिल या सरसों का तेल दान करने से शनि शांत होता है और बाधाएं दूर होती हैं.
कौन-कौन से तेल खरीदने की मनाही है?
- सरसों का तेल
- तिल का तेल (तिलहन तेल)
इन दोनों तेलों को सीधे तौर पर शनि ग्रह से जुड़ा माना गया है. कुछ परंपराओं में यह भी कहा गया है कि जो भी तेल शनि पूजा में उपयोग होता है, उसे शनिवार को खरीदा नहीं जाना चाहिए.
Also Read This: Utpanna Ekadashi 2025 : उत्पन्ना एकादशी आज, धन पाने के लिए करें ये काम
अगर गलती से शनिवार को तेल खरीद लिया तो क्या करें? (Oil Buying on Saturday Rule)
अक्सर ऐसा हो जाता है कि लोग भूलवश शनिवार को तेल खरीद लेते हैं और फिर अशुभ फल का डर सताने लगता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार घबराने की नहीं, बल्कि सरल उपाय करने की आवश्यकता होती है.
- तेल का थोड़ा हिस्सा दान करें. किसी गरीब, मंदिर या जरूरतमंद व्यक्ति को दें.
- शनि मंत्र का जप करें. “ऊँ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जप करना शुभ माना जाता है.
- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं. शाम के समय यह उपाय शनि दोष कम करने वाला माना गया है.
- काली उड़द का दान करें. यह उपाय भी शनि को शांत करने में प्रभावी माना जाता है.
Also Read This: केसर तिलक से करें ग्रहों को मजबूत, बढ़ाएं समृद्धि और सुख-शांति!
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

