Sleeping With Crossed Legs Effects: क्या आप भी सोते समय पैर पर पैर चढ़ाकर लेटने की आदत रखते हैं? कई लोग इसे सामान्य मुद्रा मानते हैं, लेकिन धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय दृष्टि से यह स्थिति शुभ नहीं मानी गई है. माना जाता है कि यह आदत न सिर्फ ऊर्जा के प्रवाह को बाधित करती है, बल्कि व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और आयु पर भी नकारात्मक असर डालती है.
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मानसिक शांति प्रभावित होती है
हिंदू धर्मग्रंथों में नींद को शरीर का प्राकृतिक विश्राम माना गया है, लेकिन सोने की कुछ मुद्राओं को वर्जित बताया गया है. ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि पैर पर पैर रखकर सोना शरीर में प्राण ऊर्जा के संतुलन को बिगाड़ देता है. ऐसा करने से नाड़ी मार्गों में रुकावट आती है, जिससे मानसिक शांति प्रभावित होती है और मन अशांत रहता है. यही कारण है कि इसे लंबी आयु में बाधक भी माना गया है.
नकारात्मक विचारों को बढ़ाती है
धर्माचार्यों का कहना है कि यह मुद्रा आलस्य, अवसाद और नकारात्मक विचारों को बढ़ाती है. आयु घटने से जुड़े विश्वास का अर्थ यह नहीं कि तुरंत कोई नुकसान हो जाएगा, बल्कि यह कि लंबे समय तक ऐसी आदतें शरीर की प्राकृतिक ऊर्जा और कार्यप्रणाली को कमजोर करती हैं.
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नींद गहरी नहीं आती
वास्तुविज्ञान में भी इस प्रकार सोना अशुभ बताया गया है. पैर क्रॉस करके सोना ऊर्जा के प्रवाह को रोकता है, जिससे नींद गहरी नहीं आती और व्यक्ति थकान, चिड़चिड़ापन और मानसिक तनाव का शिकार होने लगता है. धीरे-धीरे यह स्थिति आयु प्रतिकूल कारकों को बढ़ाती है.
ब्लड सर्कुलेशन की समस्या हो सकती है (Sleeping With Crossed Legs Effects)
चिकित्सकीय दृष्टि से भी विशेषज्ञ बताते हैं कि यह मुद्रा रीढ़, नसों और रक्त संचार पर असर डालती है. लगातार ऐसा करने से पैरों में सुन्नता, दर्द और ब्लड सर्कुलेशन की समस्या हो सकती है. समग्र रूप से माना जाता है कि पैर पर पैर रखकर सोना न तो शरीर के लिए अच्छा है और न ही धार्मिक या ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ. यदि आप लंबी आयु, बेहतर ऊर्जा और शांत मन चाहते हैं, तो सीधी, आरामदायक और खुली मुद्रा में सोना सबसे उपयुक्त माना गया है.
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