अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के अमलाई OCM हादसे में अब एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है । यह वीडियो सिर्फ हादसे से पहले की तस्वीरें नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही का जीवंत सबूत है। SECL अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद खतरनाक जगह पर जबरन काम कराया गया , और नतीजा यह हुआ कि एक टीपर ऑपरेटर आज तक पानी में लापता है। हादसे को एक महीना से ज्यादा हो गया, लेकिन न मशीनें मिलीं और न ही अनिल कुशवाहा का कोई सुराग हाथ लगा। हादसे के बाद SECL ने केवल खानापूर्ति करते हुए अपने दो कर्मचारियों , सीनियर ओव्हरमैन नीलकमल रजक और माइनिंग सरदार अयोध्या पटेल को सस्पेंड कर दिया, जबकि वीडियो साफ बताता है, कि असल लापरवाही चेतावनी के बाद भी जबरन काम करवाने वालों की थी। शायद इसी वजह से आज तक RKTC कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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शहडोल जिले के SECL सोहागपुर अंतर्गत अमलाई OCM की बंद पड़ी कोयला खदान में 12 अक्टूबर को हुए बड़े हादसे से पहले का चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसने पूरी व्यवस्था की लापरवाही को उजागर कर दिया है। यह वीडियो उस वक्त का बताया जा रहा है जब SECL के अधिकारी खाईनुमा गहरी खदान में डोजर मशीन से मिट्टी भराई रोकने की चेतावनी दे रहे थे। अधिकारियों ने साफ कहा था कि इतनी जोखिम भरी स्थिति में काम न कराया जाए, लेकिन इसके बावजूद RKTC कंपनी के कर्मचारियों ने जबरन डोजर से फिलिंग जारी रखी। वीडियो में नजर आ रहा है कि जिस स्थान को SECL अधिकारियों ने असुरक्षित बताया, कुछ देर बाद वहीं डोजर और टीपर मशीन खदान के पानी में समा गए। टीपर ऑपरेटर अनिल कुशवाहा भी इसी गहरे पानी में डूबकर लापता हो गए, घटना 12 अक्टूबर की है और आज एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अनिल कुशवाहा का कोई सुराग नहीं मिल सका है।
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SDRF, NDRF से लेकर सेना तक ने कई दिनों तक रेस्क्यू चलाया, लेकिन खदान में भरे गहरे पानी और दलदली सतह के कारण आज तक ना मशीनें मिलीं, ना अनिल कुशवाहा। परिजनों की पीड़ा बढ़ती जा रही है, जबकि प्रशासनिक सक्रियता लगातार कम होती दिख रही है।हादसे के बाद SECL प्रबंधन ने अपनी औपचारिकता निभाते हुए सीनियर ओवरमैन नील कमल रजक और माइनिंग सरदार अयोध्या पटेल को लापरवाही का दोषी बताकर सस्पेंड कर दिया। लेकिन RKTC कंपनी, जिस पर खतरनाक हालात में जबरन काम कराने का आरोप है, उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
स्थानीय लोग और परिजन आरोप लगा रहे हैं कि SECL, RKTC और जिला प्रशासन, तीनों ने मिलकर इस गंभीर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सवाल यह है कि जब अधिकारी समय रहते मना कर रहे थे, तो जीवन को जोखिम में डालकर काम क्यों कराया गया, और जब एक कर्मचारी अब भी पानी के अंदर लापता है, तब जिम्मेदार एजेंसी पर कार्रवाई क्यों नहीं।
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