आज, 19 नवंबर की सुबह शेयर बाजार ने एक बार फिर ऐसा रुख दिखाया जिसने निवेशकों को संभलकर कदम बढ़ाने पर मजबूर कर दिया. शुरुआती घंटों में सेंसेक्स 84,700 के आसपास टिका रहा और निफ्टी 25,900 के स्तर पर जमकर खड़ा दिखाई दिया. यह स्थिति देखने में भले ही शांत लगे, लेकिन सेक्टोरल गतिविधियों के भीतर एक दिलचस्प हलचल जारी है. आईटी और बैंकिंग शेयरों ने बाजार में हल्की रोशनी जगाई, जबकि फाइनेंस और एनर्जी सेक्टर आज भी दबाव से उभर नहीं पाए.

ग्लोबल संकेत भी आज मिश्रित रहे. एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई हल्की बढ़त के साथ 0.24% ऊपर 48,818 पर पहुंचा, लेकिन कोरिया का कोस्पी 0.50% गिरकर 3,933 पर और हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 0.47% नीचे 25,808 पर दबाव में रहा. वहीं पिछले कारोबारी दिन अमेरिकी बाजारों ने निराश किया – डाउ जोन्स 1.07%, नैस्डेक 1.21% और S&P 500 0.83% गिरावट के साथ बंद हुए. ग्लोबल गिरावट ने आज भारतीय बाजार को सतर्क मोड में धकेल दिया.

निवेश प्रवाह की बात करें तो तस्वीर और दिलचस्प हो जाती है. 18 नवंबर को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने ₹1,234 करोड़ की बिकवाली कर बाजार पर दबाव डाला, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹2,395 करोड़ की खरीद के साथ माहौल को संतुलित करने की कोशिश की.

नवंबर महीने में अब तक जहां FIIs ने ₹13,939 करोड़ की बिकवाली की है, वहीं DIIs ने ₹48,974 करोड़ की जमकर खरीद की है. यह विरोधाभासी प्रवाह इस बात का संकेत है कि घरेलू बाजार की मजबूत नींव अभी भी विदेशी दबाव के सामने मजबूती से खड़ी है.

बीते दिन की बात करें तो 18 नवंबर के कारोबार में बाजार ने खासा उतार-चढ़ाव दिखाया था. सेंसेक्स 277 अंक टूटकर 84,673 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 103 अंक फिसलकर 25,910 पर आकर थम गया था. आज का फ्लैट ट्रेड इस गिरावट के बाद स्थिरता की ओर इशारा तो करता है, पर यह स्थिरता कितनी टिकाऊ है — यह अगला बड़ा सवाल बन गया है.