भुवनेश्वर: मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को जिला कलेक्टरों से ‘मिशन शक्ति’ के समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए “मिशन मोड” में काम करने का आह्वान किया. यह सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य 2027 तक ओडिशा के प्रत्येक गाँव में पक्की सड़कें, बिजली और पेयजल उपलब्ध कराना है. वे भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन कन्वेंशन सेंटर में जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के दो दिवसीय संयुक्त सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे.

जन सेवा को सुशासन का मूल आधार बताते हुए, माझी ने अधिकारियों से लोगों से जुड़े रहने, उनकी चिंताओं को धैर्यपूर्वक सुनने और समस्याओं का ईमानदारी से समाधान करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के मंत्र से प्रेरित होकर विकासोन्मुखी पहल जारी रखे हुए है, लेकिन किसी भी योजना की असली सफलता जमीनी स्तर पर उसके क्रियान्वयन में निहित है.

मुख्यमंत्री ने सभी 30 जिलों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला और कलेक्टरों को स्थापित नीतियों के दायरे में निवेशकों को पूरी सुविधाएँ प्रदान करने का निर्देश दिया. उन्होंने कलेक्टरों को सरकारी निर्णयों और घोषणाओं के क्रियान्वयन की बारीकी से निगरानी करने, हर तीन-चार महीने में कल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करने, लघु खनिजों के अवैध खनन पर अंकुश लगाने, अवैध शराब के खिलाफ प्रवर्तन को मजबूत करने और खरीफ सीजन के दौरान धान की तस्करी को रोकने के भी निर्देश दिए. आदिवासी बहुल जिलों में, उन्होंने लघु वनोपजों के संग्रहण और विपणन में आदिवासी समुदायों को कानूनी सहायता प्रदान करने पर जोर दिया.

माझी ने भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी प्रशासन का आह्वान किया और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि जिला और ब्लॉक स्तर पर सभी आधिकारिक दस्तावेज़, नोटिस और संचार ओड़िया में जारी किए जाएं. उन्होंने अधिकारियों को आधिकारिक बातचीत के दौरान निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ शिष्टाचार और सम्मान से पेश आने की भी याद दिलाई.

उपमुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री प्रभाती परिडा ने कहा कि सार्थक शासन सरकार और प्रशासन के बीच निर्बाध समन्वय पर निर्भर करता है. उन्होंने कलेक्टरों से जन-केंद्रित योजनाओं को समय पर पूरा करने और नागरिकों की शिकायतों के समाधान के लिए नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण करने का आग्रह किया.

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि सरकार ने पिछले 18 महीनों में कई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की हैं और प्रशासनिक रीढ़ होने के नाते राजस्व विभाग को आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने राजस्व ग्रामों की मान्यता, आदिवासी समुदायों के वन अधिकारों के त्वरित निष्पादन और भूमि अधिग्रहण के दौरान सावधानीपूर्वक राहत और पुनर्वास संबंधी लंबित प्रस्तावों के तत्काल क्रियान्वयन का आह्वान किया.

मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रशासन उनके जिलों के हर कोने तक पहुँचे और नागरिकों को सम्मानपूर्वक सेवाएं प्राप्त हों. विकास आयुक्त अनु गर्ग ने स्वागत भाषण दिया, जबकि अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.